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वोट डालकर लौट रहा था, पत्थरबाज समझकर बांध दिया: विक्टिम

श्रीनगर.जम्मू-कश्मीर में शख्स को आर्मी की जीप से बांधने वाली घटना पर विवाद बढ़ गया है। ये शख्स बडगाम का फारूख डार है। हालांकि, उसका दावा है कि 9 अप्रैल को बाई इलेक्शन में वोट डालकर वह बहन के घर जा रहा था। इसी दौरान आर्मी ने उसे पत्थरबाज समझकर पकड़ लिया। पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने वीडियो शेयर करते हुए ट्वीट किया, ”इस नौजवान को जीप के आगे बांधा गया, ताकि कोई आर्मी पर पथराव न कर सके। ये हैरान करने वाला है।” श्रीनगर लोकसभा सीट पर वोटिंग के दौरान जबरदस्त हिंसा हुई थी। वीडियो में आवाज सुनाई दे रही है कि पत्थरबाजों का यही हाल होगा। आर्मी के स्पोक्सपर्सन कर्नल राजेश कालिया के मुताबिक, वीडियो की जांच चल रही है। शख्स ने जांच अफसरों को क्या बताया…
वोट डालकर लौट रहा था, पत्थरबाज समझकर बांध दिया: विक्टिम
 
– डार का दावा है कि, आर्मी जीप से बांधकर उसे कई पोलिंग बूथ्स पर घुमाया गया। वोटिंग के दौरान आर्मी ने 10 से 12 गांव का दौरा किया। जांच में सामने आया कि जिस जीप से डार को बांधा गया, वो 53 राष्ट्रीय राइफल्स की थी।
– वीडियो वायरल होने पर शुक्रवार को उमर अब्दुल्ला ने फोटो-वीडियो ट्वीट कर नाराजगी जाहिर करते हुए जांच की मांग की थी। उन्होंने ट्वीट किया, ”अब देखते हैं चैनलों पर डिबेट शुरू होगी। शायद नहीं, क्योंकि कश्मीर हमारा है और भाड़ में जाएं कश्मीरी।”
– बीरवाह से नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक ने कहा कि यूथ के सीआरपीएफ जवानों से बदसलूकी के वीडियो पर पूरा देश गुस्सा में उबल गया। लेकिन एक कश्मीरी को जीप से बांधकर घुमाया। उस पर किसी का कमेंट नहीं आया।
 
पत्थरबाजी नहीं रुकती तो गोलियां चलानी पड़तीं: आर्मी
– आर्मी के सूत्रों ने बताया कि डार को हंगामे के दौरान पकड़ा गया। श्रीनगर में इलेक्शन के दिन हिंसा और आर्मी पर पथराव के बाद इसे पत्थरबाजों के खिलाफ शील्ड की तरह इस्तेमाल करना पड़ा। उसे सिर्फ 100 मीटर तक बांधकर रखा। डिफेंस स्पोक्सपर्सन ने कहा, ”आर्मी वायरल वीडियो की जांच कर रही है।”
– आर्मी सूत्रों के मुताबिक, ”बडगाम के बीरवाह में आर्मी की पांच गाड़ियों का काफिला जा रहा था। काफिले में आर्मी के जवान, ईसी के अफसर, आईटीबीपी के जवान और दो पुलिसवाले थे। तभी लोग छतों से पत्थर फेंकने लगे।”
– ”हालात इतने ज्यादा बिगड़ गए कि गोली चलाने की नौबत आ गई। खूनखराबा रोकने के लिए मेजर ने एक पत्थरबाज को जीप के आगे बांध दिया, ताकि लोग पत्थर न फेंकें। बाद में उसे पुलिस के हवाले कर दिया।”
 
महबूबा ने कहा- ऐसी घटनाएं स्वीकार नहीं
– महबूबा ने पुलिस से वायरल वीडियो पर रिपोर्ट मांगी। कहा- इस तरह के डिस्टर्बिंग वीडियो को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
– पत्थरबाजों को सरकारी फंडिंग मिलने के फारुख अब्दुल्ला के बयान पर सीएम ने कहा- अगर उमर सरकार 2010 में ही इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करती तो घाटी में ये हालात पैदा ही नहीं होते।”
– डिप्टी सीएम निर्मल सिंह ने कहा, ”इस मामले में कानूनी तौर पर एक्शन लिया जाएगा। सरकार पत्थरबाजों से निपटने की कोशिश कर रही है।”
 
पत्थरबाजों को सरकारी फंडिंग: फारूख
– उमर के पिता फारूख अब्दुला ने शुक्रवार को ही कहा था, “सभी पत्थरबाज एक जैसे नहीं होते। जो CRPF जवानों पर हमला करते हैं। हमें स्थिति को हल्के में नहीं लेना चाहिए, कई पत्थरबाज ऐसे भी हो सकते हैं जिन्हें सरकार पैसे देती हो। जांच की जरूरत है। सबको एक ही ब्रश से पेंट न करें।”
– बता दें कि, फारुख अब्दुल्ला कश्मीर के पत्थरबाजों का सपोर्ट करते आए हैं। 5 अप्रैल को उन्होंने कहा था, “वे (पत्थर फेंकने वाले) भूखों मरेंगे, लेकिन अपने वतन के लिए पत्थर फेंकेंगे, वे कश्मीर मुद्दे के हल के लिए अपनी जान दे रहे हैं, हमें इसे समझने की जरूरत है।”
 
CRPF जवानों के साथ हुई थी बदसलूकी
– बुधवार को इलेक्शन ड्यूटी के लिए जाते सीआरपीएफ जवानों के साथ हाथापाई और बदसलूकी का वीडियो भी सामने आया। कुछ प्रदर्शनकारी वापस लौटने के लिए कहते दिखे थे। जवानों को लात-घूंसे भी मारे गए, लेकिन जवान शांत रहे। इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है।
– बता दें कि श्रीनगर में इलेक्शन के दौरान हुई हिंसा में 8 लोगों की जान गई और 100 से ज्यादा जख्मी हुए थे। इनमें सिक्युरिटी फोर्सेस के जवान और इलेक्शन कमीशन के अफसर भी शामिल थे। श्रीनगर में सिर्फ 7 फीसदी वोटिंग हुई थी।
 

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