नयी दिल्ली : जनता दल (यू) का शरद गुट बिहार की राजधानी पटना में कल होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का बहिष्कार करेगा और इसके समानांतर अपनी अलग बैठक करेगा। शरद गुट पार्टी के नाम और चुनाव चिन्ह पर दावा करने के लिए जल्द ही चुनाव आयोग का दरवाजा भी खटखटायेगा। यह जानकारी पार्टी के राज्यसभा में उप नेता रहे अली अनवर अंसारी तथा पार्टी के महासचिव पद से हटाये गये अरूण श्रीवास्तव ने आज यहां पत्रकारों को दी। श्री श्रीवास्तव ने ददावा किया कि शरद यादव गुट ही असली जद यू है क्योंकि पार्टी के 14 राज्यों के अध्यक्ष उनके साथ हैं और उनमें से छह -सात अध्यक्ष कल यहां साझी विरासत सम्मेलन में शरीक हुए थे और शेष अध्यक्षों ने यह संदेश भिजवाया था कि वह किन्हीं अपरिहार्य कारणों से सम्मेलन में भाग नहीं ले पा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने न केवल मुझे महासचिव पद से हटाया बल्कि श्री अंसारी को भी राज्यसभा में पार्टी के उप नेता पद से हटाया है और श्री शरद यादव को भी सदन में दल के नेता पद से हटा दिया जबकि वह पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग तो पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग लेना चाहते थे और अपनी बात कहना चाहते थे लेकिन चूंकि श्री कुमार ने हम तीनों को बिना कोई नोटिस दिये हटा दिया इसलिए अब हमने कार्यकारिणी का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है और हम पटना में अपना सम्मेलन खुद करेंगे। उन्होंने कहा कि श्री कुमार कार्यकारिणी की बैठक पटना के मौर्य होटल में करने वाले थे लेकिन जब हमने इसकी आलोचना की तो उन्होंने सम्मेलन स्थल बदलकर मुख्यमंत्री आवास कर दिया है। श्री श्रीवास्तव ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आवास में पार्टी कार्यकारिणी का सम्मेलन करना सत्ता का दुरूपयोग करना है।
श्री श्रीवास्तव ने कहा कि समता पार्टी और लोकशक्ति तथा शरद यादव का जनता दल के विलय होने के बाद जनता दल यूनाइटेड का घटन हुआ था और उस समय श्री नीतीश कुमार समता पार्टी में थे इसलिए इस पार्टी के सबसे पुराने सदस्य और संस्थापक श्री यादव ही हैं और इस लिहाज से’हम ही लोग वास्तविक जनता दल हैं इसलिए हमलो चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाएंगे कि पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह’तीर’ हमें ही दिया जाए।’ उन्होंने कहा कि श्री कुमार को अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह से कोई मोह नहीं है क्योंकि वह खुद इस चुनाव चिन्ह को बदलने का अनुरोध लेकर चुनाव आयोग जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वह पार्टी के अपने दावे के समर्थन में कागजात जल्दी ही चुनाव आयोग को सौंपेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि श्री नीतीश कुमार को पार्टी के दस सांसदो और 71 विधायकों के अलावा केवल पांच राज्यों के पदाधिकारियों का समर्थन प्राप्त है जबकि शेष राज्यों के पदाधिकारी श्री यादव के साथ हैं।