इंदौर। विशेष सीबीआई अदालत ने अभियोजन की यह गुहार मंजूर कर ली है कि आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की हत्या के मामले की जांच से संबंधित उन सीडी, डीवीडी और दस्तावेजों की प्रतियां बचाव पक्ष को नहीं दी जायें, जिनमें कुछ अंतरंग विवरण और वीडियो दर्ज हैं। अदालत ने यह शर्त भी लगा दी है कि आरोपियों के वकील मामले की आगामी सुनवाई के दौरान अपने मुवक्किलों के बचाव के परिप्रेक्ष्य में इस सामग्री को अदालत कक्ष के भीतर सीबीआई के अधिवक्ताओं के साथ देख सकेंगे। विशेष सीबीआई न्यायाधीश राजीव कुमार अयाची के सामने कल अभियोजन ने भोपाल की आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के मामले की अतिरिक्त जांच से संबंधित दस्तावेज और अन्य सामग्री पेश की और इन्हें अभिलेख (रिकॉर्ड) पर लेने की गुजारिश की। इस सामग्री में प्रकरण से जुड़े लोगों की फोन पर हुई बातचीत का ब्यौरा, सीडी, सीपीयू, वैज्ञानिक सबूत और अपराध विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) के अभिमत (ओपिनियन) शामिल हैं। बहरहाल, सीबीआई ने विशेष अदालत से गुहार की कि इस सामग्री में शामिल कुछ सीडी, डीवीडी और इनसे जुडेम् दस्तावेजों की प्रतियां बचाव पक्ष को मुहैया नहीं करायी जायें, क्योंकि इससे अंतरंग विवरण, वीडियो और उसकी रिपोर्ट के संबंध में अदालत के बाहर प्रचार किया जा सकता है। एजेंसी