शातिर बीटेक स्टूडेंट ने लगाया Snapdeal को 26 लाख का चूना
दस्तक टाइम्स एजेंसी/बेहद शातिराना अंदाज में बीटेक स्टूडेंट अमन ने स्नैपडील से कई बार में 26 लाख रुपये की ऑनलाइन शॉपिंग की। हर बार वह महंगे सामान मंगाता और जैसे ही डिलीवरी होती, वह टोल फ्री नंबर पर फोन कर गलत सामान आने की शिकायत करता था।
इसके बाद वह पुराने जूते, कपड़े और साबुन जैसे सामान रखकर सामान लौटा देता। इधर वह सामान लौटाता, उधर कंपनी उसके अकाउंट में पैसा ट्रांसफर कर देती।
यह सिलसिला पिछले डेढ़ साल से जारी था। तालकटोरा पुलिस से पिछले वर्ष नवंबर में शिकायत भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन मामले की अनदेखी की गई।
उसके पास से महंगे जूते, कपड़े समेत लगभग दो लाख रुपये नगद बरामद किए हैं। उसके अकाउंट में 24 लाख रुपये है, उसे भी सीज कर दिया गया है।
एसएसपी राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि राजाजीपुरम में अशोक विहार आलमनगर निवासी नमकीन व्यवसायी शिव कुमार गुप्ता का बेटा अमन गुप्ता बीबीडी कॉलेज में बीटेक तीसरे वर्ष का छात्र है।
अलग-अलग नाम से कई आईडी बना रखी थी। वह स्नैपडील कंपनी से सामान मंगाता था। गलत सामान आने की शिकायत करता और पैकेट में पुराने सामान रख लौटा देता। फिर नया सामान दूसरी साइटों पर बेच देता था।
पिछले एक साल में अमन ने 80 बार सामान मंगाया है। इसमें से तीस मोबाइल फोन थे। वह लगभग डेढ़ साल से अधिक समय से धोखाधड़ी कर रहा था।
आईईएमआई तक बदल डाली
स्नैपडील कंपनी से अमन ने आईफोन मंगवाए। इसमें गड़बड़ी करने के बाद उसने आईफोन के सर्विस सेंटर में जमा कर दिया। वहां गारंटी के तहत उसे बदलकर नया आईफोन सेट मिल जाता था।
इस तरह अमन के पास दूसरा फोन आ जाता था। इससे फोन की आईईएमआई बदल जाती थी। इस फोन को भी वह या तो ओएलएक्स पर बेच देता था।
साइट की कमी जानता था वह
बीटेक छात्र अमन को ऑनलाइन शॉपिंग वाली स्नैपडील कंपनी की वेबसाइट में मौजूद कई कमियों का पता चल चुका था। इन तरीकों का इस्तेमाल कर अमन ने पिछले डेढ़ साल में लगभग 26 लाख रुपये की ठगी की। स्नैपडील के सॉफ्टवेयर एक्सपर्ट भी उसे ट्रेस नहीं कर पाये।
खुद भी ठगी का हुआ शिकार
बीटेक छात्र अमन गुप्ता खुद भी कई बार जालसाजी का शिकार हुआ। ओएलएक्स पर विज्ञापन देखकर फर्जी रॉ एजेंट राजदेव ने उससे संपर्क किया। इसके बाद राजदेव के गनर और नीली बत्ती लगी गाड़ी देखकर प्रभावित हो गया। राजदेव ने उससे महंगा मोबाइल सेट लेकर फर्जी चेक थमा दिया।
अमन गुप्ता सामान डिलीवर होते ही ऑर्डर कैंसल भी करा देता था। सामान पहुंचने से पहले ही उसके अकाउंट में रुपये पहुंच जाते थे।
स्नैपडील से मंगाए हुए सामान को अमन गुप्ता ऑनलाइन खरीद-बिक्री करने वाली ओएलएक्स, क्वीकर जैसी साइटों पर बेच देता था। इस तरह से वह पिछले एक साल से स्नैपडील कंपनी को चूना लगा रहा था।
स्नैपडील कंपनी की तरफ से इस संबंध में पिछले वर्ष चार नवंबर को तालकटोरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। उन्होंने कंपनी के साथ लगातार धोखाधड़ी की शिकायत की। इस संबंध में पुलिस को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए।
इसके बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। स्नैपडील कंपनी के अधिकारियों तक को तालकटोरा पुलिस ने टरका दिया। पुलिस जांच करने की बात कहती रही।
उधर, अमन गुप्ता लगातार स्नैपडील कंपनी को ठगता रहा। स्नैपडील कंपनी के अधिकारियों ने एक सप्ताह पहले पुलिस के आला अधिकारियों से इसकी शिकायत की। इसके बाद मामले की जांच साइबर क्राइम सेल को सौंपी गई। इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।