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ईवीएम से चुनाव करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, संसद से अनुमति नहीं मिली

नई दिल्ली: देश के पांच राज्यों में आगामी फरवरी से विधानसभा चुनाव है, लेकिन इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन से (ईवीएम) से चुनाव करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश एन वी रमन्ना ने याचिका को संज्ञान में लेकर कहा है कि पहले हम यह देखने वाले हैं, कि याचिका में सुनवाई की क्षमता है या नहीं।अगर याचिका समुचित पाया जाएगा,तब कोर्ट इसपर सुनवाई करेगा! ईवीएम से चुनाव कराए जाने की चुनौती देने वाली याचिका वकील मनोहर लाल शर्मा ने दायर की है। उन्होंने याचिका में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 61(ए) को चुनौती देकर कहा है कि ईवीएम से चुनाव कराए जाने को लेकर अब तक संसद से अनुमति नहीं मिली है, लिहाजा ईवीएम से हुए चुनाव को रद्द किया जाए और आगामी विधानसभा चुनाव को भी बैलेट पेपर से कराए।

याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में ईवीएम मामले में जल्द सुनवाई की मांग की है।सीजेआई रमना ने कहा कि क्या अब उन्हें ईवीएम मशीन से दिक्कत है ?शर्मा ने कहा हम संसद कानून के लिहाज से बात कर रहे हैं। संसद में ईवीएम से चुनाव कराए जाने संबंधी विधेयक पास नहीं हुआ है,इसकारण विधानसभा चुनावों से पहले इस पर सुनवाई की जाए। शर्मा की इस मांग पर मुख्य न्यायधीश ने कहा कि हम देखते है। मनोहर लाल शर्मा ने अपनी याचिका में कहा कि कोर्ट 2019 में हुए लोकसभा चुनाव को भी अवैध घोषित करने का आदेश जारी करे।सब जगह बैलेट के जरिए फिर से मतदान करावाए जाए।

शर्मा ने अपनी याचिका में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 61(ए) को चुनौती दी है, जिसमें बैलेट पेपर की जगह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम से मतदान कराए जाने का प्रावधान किया गया है। शर्मा की याचिका के मुताबिक इस प्रावधान को अब तक संसद से मंजूरी नहीं मिली है।लिहाजा इसके जरिए कराए गए अब तक के सारे चुनाव अवैध हैं। शर्मा ने याचिका में कहा, अभी ईवीएम के जरिए जिन विधानसभाओं में सरकारें चल रही हैं,वे सभी अवैध रूप से चुनी गई हैं,इसकारण इन सरकारों को अवैध घोषित कर निर्वाचन रद्द किया जाए।

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