राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के शिक्षक परमवीर सिंह कठैत को दिल्ली में आयोजित माइक्रोसॉफ्ट इनोवेटिव एडूकेटर एक्सपर्ट शिखर सम्मेलन में सम्मानित किया गया।
देहरादून: राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के शिक्षक परमवीर सिंह कठैत को दिल्ली में आयोजित माइक्रोसॉफ्ट इनोवेटिव एडूकेटर एक्सपर्ट शिखर सम्मेलन में सम्मानित किया गया। शिक्षण कार्यों में सूचना प्रौद्योगिकी के समुचित इस्तेमाल के लिए देशभर से 110 शिक्षकों को इस सम्मेलन के लिए चयनित किया गया, जिनमें प्रदेश से परमवीर सिंह कठैत का नाम शामिल है।
शिक्षण अधिगम की प्रक्रिया को सरल, सुगम व रुचिकर बनाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट कंपनी प्रतिवर्ष ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करती है। परमवीर सिंह कठैत देहरादून के राजीव गांधी नवोदय विद्यालय में तैनात हैं।
वर्ष 2005 में राजकीय इंटर कॉलेज आछारिखुंट लोस्तु टिहरी गढ़वाल में रहते हुए उन्होंने विभागीय प्रशिक्षण में पहली बार कंप्यूटर देखा। छात्रहित में उनके द्वारा बनाए गए प्रोजेक्ट लेट्स एक्सप्लोर द यूनिवर्स को माइक्रोसॉफ्ट के इनोवेटिव टीचर्स लीडरशिप अवॉर्ड-2008 के एशिया पैसिफिक इवेंट में प्रथम स्थान मिला।
इसके बाद उन्हें विश्व स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने हांगकांग जाने का अवसर मिला। वहां भी विश्वभर के 60 प्रतिभागी शिक्षकों में उन्होंने प्रथम स्थान हासिल कर विश्वगुरु भारत की संकल्पना को चरितार्थ किया। वर्ष 2009 में माइक्रोसॉफ्ट ने कठैत को इंटरनेशनल सोसायटी फॉर टेक्नोलॉजी इन एजुकेशन की सदस्यता प्रदान की। साथ ही नेशनल एजुकेशनल कंप्यूटिंग कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लेने वाशिंगटन आमंत्रित किया। कठैत ने अपने नवाचारी कार्यों को जारी रखा।
वर्ष 2015 में उनके निर्देशन में छात्रों द्वारा तैयार प्रोजेक्ट आपदा प्रबंधन-केदारनाथ और कक्षा नौ के लिए तैयार द्विभाषीय क्विज को राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त हुआ। उनकी इन्हीं उपलब्धियों को देखते हुए शासन ने वर्ष 2010 में उन्हें शिक्षा निदेशालय में आइसीटी प्रकोष्ठ में नियुक्त किया। जहां कठैत ने वर्ष 2013 तक अपनी सेवाएं दी।
वर्तमान में इनके द्वारा परियोजना आधारित अधिगम को केंद्रित करते हुए एसडी पब्लिक स्कूल पटेलनगर, केंद्रीय विद्यालय पालमपुर व केंद्रीय विद्यालय कोलकता के कक्षा नौ के विद्यार्थियों की स्काइप के माध्यम से आभासी कक्षाएं चलाई जा रही हैं। विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजीव सुन्द्रियाल, उप प्राचार्य डॉ. मीना काला आदि ने कठैत को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी।
परमवीर कठैत के मुताबिक शिक्षकों की कमी के बीच सूचना प्रौद्योगिकी की मदद से व्यवस्था में सुधार संभव है। प्रदेश में नवाचारी शिक्षकों की कमी नहीं है। बस इन्हें प्रशिक्षित व प्रोत्साहित करके दूरस्थ क्षेत्रों में भी गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान की जा सकती है।