नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके फलदायक होने की उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा, मुझे आशा है कि इस शीतकालीन सत्र में सकारात्मक दृष्टिकोण देखने को मिलेगा. लोकतंत्र निश्चित ही मजबूत होगा. बता दें कि इस बार के सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार है. गुजरात में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हुई जुबानी जंग सांसद में भी जारी रह सकती है. मोदी सरकार इस सेशन में अहम बिल पास करना चाहेगी तो वहीं, विपक्ष कई मुद्दों पर सरकार को घेरना चाहेगी.
मोदी ने कहा कि आमतौर पर सर्दियां दिवाली के साथ ही शुरू हो जाती हैं लेकिन ग्लोबल वार्मिंग की वजह से सर्दी पूरी ताकत से नहीं आ सकी. लेकिन अब शीतकालीन सत्र शुरू हो चुका है और मुझे आशा है कि देश 2017-2018 के इस सत्र से लाभान्वित होगा. मैं सकारात्मक और नवीन चर्चा की उम्मीद कर रहा हूं. इससे पहले पीएम ने अपने आधिकारिक पीएमओ ट्विटर हैंडल पर लिखा- ‘कल (गुरुवार को) हुई सर्वदलीय बैठक में हम सभी इस बात पर एकमत थे कि हमें राष्ट्र को आगे लेकर जाना है और इसे हासिल करने के लिए इस शीतकालीन सत्र का सकारात्मक रूप में इस्तेमाल होना चाहिए.’
उन्होंने आगे लिखा कि संसद के शीतकालीन सत्र से देश के विकास को गति मिले. संसद का शीतकालीन सत्र 5 जनवरी तक चलेगा. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह संसद में राजनीतिक पार्टियों के नेताओं द्वारा उठाये जाने वाले सभी मुद्दों पर सार्थक चर्चा सुनिश्चित करने का प्रयास करेंगी. वहीं, पीएम मोदी ने भी शीतकालीन सत्र को सकारात्मक बनाने के लिए विपक्ष से सहयोग मांगा जबकि कांग्रेस ने इस बात पर बल दिया कि गुजरात चुनाव अभियान के दौरान अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह पर हमला करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को माफी मांगनी चाहिए.
ऐसी संभावना है कि सत्र के पहले दिन लोकसभा में शुक्रवार को कोई कामकाज नहीं होगा और दिवंगत सदस्य को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन दिनभर के लिये स्थगित किया जा सकता है. मोदी सरकार का तीन तलाक पर लगी अदालती रोक को कानूनी जामा पहनाने के लिए भी विधेयक पेश करने और पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने वाले संविधान संशोधन विधेयक को पुन: लाने का भी इरादा है. सत्र के दौरान नागरिकता संशोधन विधेयक 2016, मोटरवाहन संशोधन विधेयक 2016 और ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिकार संरक्षण विधेयक को पारित कराने पर भी जोर दिया जा सकता है.
वहीं, विपक्ष गुजरात चुनाव के चलते सत्र में विलम्ब के साथ साथ जीएसटी, नोटबंदी, राफेल और किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरेगी. कांग्रेस शुरुआत से ही जीएसटी एवं नोटबंदी को लागू करने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया कदम बताती आई है. राज्यसभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पहली बार एक प्रधानमंत्री ने पूर्व पीएम, पूर्व उप राष्ट्रपति और डिप्लौमेट्स पर पाकिस्तान के साथ मिलकर षडयंत्र करने का आरोप लगाया है. पीएम को इसपर स्पष्टीकरण देना ही होगा.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम हमेशा से ठोस सुझावों के पक्ष में रहे हैं. हम संसद को सुचारू रूप से चलाना, मुद्दों पर चर्चा भी चाहते हैं. सरकार को रुचि लेनी चाहिए और बहस के लिए माहौल बनाना होगा. उन्हें विपक्ष का सम्मान करना चाहिए.