बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के कहने का पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर मनोवैज्ञानिक असर हुआ और ममता ने वह कर दिखाया जिसकी शायद कल्पना ही की जा सकती है। दरअसल, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने ममता बनर्जी से शिकायत की थी कि उनके एक मित्र को रंगदारी टैक्स न देने पर मकान की मरम्मत नहीं कराने दी जा रही है। बस फिर क्या था, ममता के निर्देश पर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के साल्ट लेक में पार्षद अनिंद्य चटर्जी को जबरन वसूली और अपने पड़ोसी को धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।
ख़ास बात ये है कि इस मामले को लेकर शेख हसीना के मित्र ने कोई औपचारिक शिकायत पुलिस तक में दर्ज नहीं कराई थी। ऐसे में पार्षद की गिरफ्तारी साल्ट लेक के एक अन्य व्यक्ति संतोष कुमार लोध की शिकायत के आधार पर की गई। ममता के पास गृह मंत्रालय का भी प्रभार है।
संतोष ने अरोप लगाया है कि पार्षद ने चारदिवारी के निर्माण के लिए उन्हें 12 लाख रुपए देने को कहा था। संतोष लोध ने शेख हसीना से रंगदारी मांगे जाने की घटना का जिक्र किया था। बांग्लादेश की पीएम ने इस बात की जानकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को दी। इस पर मुख्यमंत्री ने तृणमूल कांग्रेस की आंतरिक जांच के बाद अपनी ही पार्टी के पार्षद को गिरफ्तार करने का निर्देश दे दिया।
कोर्ट ने पार्षद की जमानत याचिका खारिज कर उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पार्षद को दमदम सेंट्रल जेल में रखा गया है।
क्या है मामला
संतोष लोध ने कुछ समय पहले सॉल्टलेक के बीडी ब्लॉक में मकान खरीदा था। उन्होंने कुछ माह पहले इस मकान की मरम्मत का काम शुरू किया। आरोप है कि विधाननगर नगर निगम के 41 नम्बर वार्ड के पार्षद अनिंद्य चट्टोपाध्याय और उनके सहयोगी ने आकर मकान की मरम्मत का काम रुकवा दिया और 12 लाख रुपए की रंगदारी मांगी।