शोधकर्ताओं ने किया यह महत्वपूर्ण खुलासा, हेल्दी खानपान और एक्सरसाइज नहीं करती ध्रूमपान के खतरे को कम
नई दिल्ली: शोधकर्ताओं का कहना है कि हेल्दी खानपान और एक्सरसाइज किसी भी तरह से स्मोकिंग से होने वाले सेहत के खतरे को कम नहीं करती है। सीडीसी के साइंटफिक एडवाइजर प्रोफेसर एन एम मलार्चर का कहना है, ‘स्मोकिंग शरीर के हर अंग को प्रभावित करता है और परफेक्ट लाइफस्टाइल से स्मोकिंग का असर कम हो जाएगा, ये सिर्फ एक मिथ्या है।’
भले ही आप एक दिन में कितना भी विटामिन क्यों ना ले लें, ये तंबाकू के जानलेवा असर को कम नहीं कर सकता है।कई लोग सिगरेट के दुष्प्रभावों से बचने के लिए लाइट सिगरेट पीना शुरू कर देते हैं। उन्हें लगता है कि लाइट सिगरेट पीने से खतरा कम है और वो इसे ज्यादा मात्रा में पीना शुरू कर देते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि लाइट सिगरेट पीने वालों के भी शरीर में तंबाकू की उतनी ही जानलेवा मात्रा जाती है। लाइट सिगरेट पीने वाले लोगों में फेफड़ों का कैंसर, स्ट्रोक और हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। नेचुरल या ऑर्गेनिक के नाम से बिकने वाले सिगरेट भी आम सिगरेट जितने ही खतरनाक हैं।
स्मोकिंग छोड़ने से तनाव होगा जो सेहत के लिए नुकसानदायक है- ये बात सच है कि तंबाकू छोड़ने की प्रक्रिया में एक तरह के तनाव से गुजरना पड़ता है। हालांकि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि इस तनाव का कोई नकारात्मक असर पड़ता है। बल्कि रिसर्च में ये बात आ चुकी है कि स्मोकिंग छोड़ने के बाद लोगों की खाने की आदत में सुधार आता है, वो ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं और खुद के बारे में बेहतर महसूस करते हैं। स्मोकिंग छोड़ने से वजन बढ़ना हानिकारक है- हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि स्मोकिंग छोड़ने की प्रक्रिया में थोड़ा वजन बढ़ना स्वाभाविक है। वजन कितना भी बढ़े, ये सिगरेट से होने वाले खतरों की तुलना में बिल्कुल भी हानिकारक नहीं होता है।
स्मोकिंग को अचानक ही छोड़ा जा सकता है- कुछ धूम्रपान करने वालों को लगता है कि अचानक सिगरेट पीना बंद कर देने से स्मोकिंग की आदत छूट जाएगी। कुछ लोगों को लगता है कि सिगरेट कम पीने से उनकी सेहत को कम नुकसान होगा। हेल्थ एक्सपर्ट्स लोगों को इस गलतफहमी से दूर रहने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि भले ही आप कम सिगरेट पीते हो लेकिन आपके शरीर में उतनी ही मात्रा में जहर जा रहा है। डेटा से पता चलता है कि काउंसलिंग के जरिए सिगरेट छोड़ना ज्यादा प्रभावी है।
सिगरेट छोड़ने में इच्छाशक्ति बहुत मायने रखती है लेकिन इसके अलावा आपको और भी चीजें करने की जरूरत होगी। जैसे कि अगर आप काउंसलिंग का सहारा लेते हैं और डॉक्टर से संपर्क कर निकोटिन छोड़ने वाली कुछ दवाओं का इस्तेमाल करते हैं तो स्मोकिंग छोड़ने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।