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संकट में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, वेतन के लिए एक हजार करोड़ का लिया लोन


नई दिल्ली : हथियारों का निर्माण करने वाली सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भीषण आर्थिक संकट से गुजर रही है। बीते कुछ सालों में यह पहला मौका है, जब कंपनी को अपने एंप्लॉयीज की सैलरी चुकाने के लिए भी उधार लेना पड़ रहा है। कंपनी ने वेतन भत्तों के भुगतान के लिए तकरीबन 1 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। यही नहीं अप्रैल से कंपनी में काम एक तरह से ठप पड़ा है क्योंकि उसके पास नई खरीद करने या फिर वेंडर्स को चुकाने के लिए पर्याप्त राशि नहीं है। एचएएल के पास अपने 29 हजार एंप्लॉयीज को सेलरी अदा करने के लिए रकम का अभाव है। कंपनी के पास कैश इन हैंड के तौर पर महज 1,000 करोड़ रुपये की राशि बची थी। गुरुवार शाम को कंपनी के सीएमडी आर. माधवन ने बताया, हमारा कैश इन हैंड निगेटिव में है। हमें 1 हजार करोड़ रुपये ओवरड्राफ्ट के तौर पर कर्ज लेना पड़ा है।

31 मार्च तक हम 6 हजार करोड़ रुपये के घाटे में होंगे, जो मुश्किल स्थिति होगी। हम दैनिक कामों के लिए कर्ज ले सकते हैं, लेकिन प्रॉजेक्ट्स से जुड़ी खरीद के लिए कर्ज नहीं लिया जा सकता। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड फिलहाल ओवरड्राफ्ट पर ही काम कर रही है। कंपनी के संकट की मुख्य वजह यह है कि उसे अपने सबसे बड़े कस्टमर्स से बकाया राशि नहीं मिल पा रही है। भारतीय वायुसेना ने सितंबर, 2017 के बाद से कंपनी को कोई पेमेंट नहीं किया है। अक्टूबर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स का ग्राहकों पर कुल 10 हजार करोड़ रुपये बाकी थी। दिसंबर में यह आंकड़ा बढ़कर 15,700 करोड़ रुपये पहुंच गया। माधवन का कहना है कि मार्च तक यह 20,000 करोड़ तक पहुंच सकता है।

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