सऊदी: हमले के बाद कच्चे तेल के दाम बढ़े, ट्रंप ने रिजर्व तेल के इस्तेमाल को दी मंजूरी
सऊदी अरब के ऑइल प्लांट पर हाल के हमले के मद्देनजर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) से तेल के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी ताकि तेल की कीमतों को नियंत्रण रखा सके. स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल का भंडार करने की जगह है.
ट्रंप ने अपने ट्वीट में लिखा, “सऊदी अरब में हमले के बाद पेट्रोल के दाम में किसी तरह की बढ़ोत्तरी नहीं हो इसके लिए मैं एसपीआर से रिजर्व पेट्रोल इस्तेमाल करने के लिए कह सकता हूं. मैंने टेक्सास समेत दूसरे राज्यों में अनुमति प्रक्रिया में वर्तमान में तेल पाइपलाइनों की मंजूरी में तेजी लाने के लिए सभी उपयुक्त एजेंसियों को सूचित किया है.”
ट्रम्प ने आगे कहा कि अमेरिका को सऊदी अरब से इस बात की पुष्टि का इंतजार था कि उन्हें ऑइल प्लांट पर हमले के पीछे किस पर संदेह है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सऊदी अरब के तेल क्षेत्र में ड्रोन हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे देश की तेल क्षमता का लगभग आधा हिस्सा या दैनिक वैश्विक तेल आपूर्ति का 5 प्रतिशत बाधित हुआ है.
हमले के बाद पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा, “सऊदी अरब पर करीब 100 हमलों के पीछे तेहरान का हाथ है जबकि (राष्ट्रपति हसन) रूहानी और (विदेश मंत्री मोहम्मद जावद) जरीफ कूटनीति में शामिल होने का दिखावा करते हैं. तनाव कम करने के आह्वान के बीच ईरान ने अब दुनिया की ऊर्जा आपूर्ति पर जबरदस्त हमला किया है.”
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, वैश्विक तेल आपूर्ति के 5% उत्पादन पर हमलों के बाद तेल की कीमतें छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि मई के बाद से अमेरिकी कच्चे तेल का वायदा कारोबार 15% तक उछल गया. पिछली बार यह 60.89 डॉलर प्रति बैरल था जबकि ब्रेंट क्रूड 13% बढ़कर 68.06 डॉलर पर था, जो इससे पहले 71.95 डॉलर था.
सऊदी अरब में हुए ड्रोन हमले में शनिवार को सरकारी कंपनी अरामको की दो तेल रिफाइनरियों में आग लग गई. ड्रोन हमले के कारण रियाद से करीब 150 किलोमीटर दूर राज्य के तेल समृद्ध प्रांत में अबकैक शहर में रिफाइनरी में आग लग गई. अरामको कंपनी इसे दुनिया के सबसे बड़े ऑयल प्रोसेसिंग प्लांट के रूप में प्रस्तुत करती है. 10 मानवरहित विमानों द्वारा किए गए हमलों से सऊदी अरब के सबसे बड़े तेल क्षेत्रों में से एक हिजरा खुरैस को निशाना बनाया गया. जो कि प्रतिदिन लगभग 15 लाख बैरल का उत्पादन करता है और दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल के भंडार वाले अबकैक जो 70 लाख बैरल तेल प्रोसेस करता है.