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सफेद मक्खी से बर्बाद फसल से आहत युवा किसान ने दी जान

acr300-56ba36aa3fd1csucideदस्तक टाइम्स एजेंसी/नाम-यादविंदर सिंह, उम्र-23 साल, पेशा-किसानी। लेकिन सफेद मक्खी ने नौजवान किसान यादविंदर सिंह की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। नतीजा-ये उम्मीदें ट्रेन की पटरी पर दम तोड़ गईं।

आर्थिक तंगी से परेशान यादविंदर ने ट्रेन से कटकर जान दे दी। शुक्रवार सुबह उसका शव गांव दरियापुर के पास बरामद हुआ। जिले में अब तक 44 किसान खुदकुशी कर चुके हैं। यादविंदर इन किसानों में सबसे कम उम्र का था।

गांव सिरसी वाला निवासी यादविंदर के परिवार को इस बात का जरा भी अंदेशा नहीं था कि सफेद मक्खी फसल तबाह करने के बाद उनके बेटे की जिंदगी भी लील लेगी। यादविंदर के पिता निर्मल सिंह ने बताया कि उनका बेटा ही परिवार में इकलौता कमाने वाला था। उनके पास करीब ढाई एकड़ जमीन थी। इस पर कपास की फसल की बुआई की गई थी लेकिन सफेद मक्खी के हमले से पूरी फसल बर्बाद हो गई।

इस वजह से यादविंदर पर करीब छह लाख के कर्ज का बोझ आ गया। यादविंदर को दो बहनों की शादी की चिंता थी लेकिन आर्थिक हालात इस कदर बदतर होते चले गए कि वह छोटे भाई को स्कूल भेज पाने में भी असमर्थ हो गया था।

निर्मल सिंह के अनुसार उन्हें गले का कैंसर है। कर्ज के कारण वह इलाज नहीं करा पा रहे थे। इन सब कारणों से यादविंदर लगातार परेशान रहने लगा। गांव के पूर्व सरपंच हरविंदर सिंह, पंच गुरजंट सिंह, राय सिंह व सरपंच जग्गर सिंह ने यादविंदर की मौत पर दुख व्यक्त किया है।

उन्होंने सरकार व प्रशासन से पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। वहीं, यादविंदर सिंह के पिता निर्मल सिंह के बयान पर रेलवे पुलिस चौकी बुढलाडा ने कार्रवाई की है।

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