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सबरीमाला मंदिर: पुरानी प्रथा को तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध कर रहीं 4000 से महिलाएं गिरफ्तार

केरल के पथानमथिट्टा जिले में स्थित सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य में हजारों महिलाएं विरोध प्रदर्शन कर रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलावार को 4000 से अधिक महिलाओं को विरोध के दौरान हिरासत में लिया गया है। बता दें कि यह महिलाएं मांग कर रही हैं कि केरल सरकार सर्वोच्च न्यायालय के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करे।सबरीमाला मंदिर: पुरानी प्रथा को तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध कर रहीं 4000 से महिलाएं गिरफ्तार

बता दें कि 7 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले से सबरीमाला मंदिर में 10-50 आयु वर्ग के बीच महिलाओं को अनुमति देने की पुरानी प्रथा को तोड़ दिया था।

इस विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने नारे लगाते हुए राज्य सरकार और केंद्र सरकार से मांग की कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा करनी चाहिए। महिलाओं का कहना है कि यह फैसला 800 वर्ष पुरानी परंपरा पर विश्वास रखने वालों के खिलाफ था। इसलिए इस बात को ध्यान में रखते हुए पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। हम लोकतांत्रिक व्यवस्था से हमारी बात सुनने के लिए कह रहे हैं। वहीं इस बीच, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराय विजयन ने सोमवार को एक बैठक आयोजित की थी जिसमें मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग के साथ सुविधाओं को बढ़ाने के लिए आवश्यकता पर चर्चा की गई।

इस बीच, सीपीआई-एम, भाजपा राज्य इकाई के साथ-साथ पांडलम रॉयल फैमिली समेत कई राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ निराशा व्यक्त की है। भाजपा राज्य इकाई ने कहा है कि सरकार मंदिर की परंपरा में विश्वास रखने वाले समर्थकों की भावनाओं पर विचार नहीं कर रही थी। गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के मामले में अदालत की पांच सदस्यीय पीठ में से चार ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया था, वहीं पीठ में शामिल एकमात्र महिला न्यायाधीश इंदु मल्होत्रा ने अपनी अलग राय रखी थी।

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