लखनऊ । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य के सभी सरकारी विभागों में आंतरिक लेखा-परीक्षा (इंटरनल ऑडिट) की व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं। माना जा रहा है कि यह व्यवस्था सरकारी कार्यों में वित्तीय अनुशासन बनाए रखने तथा वित्तीय मामलों में उत्तरदायित्व के निर्धारण में मददगार साबित होगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा ‘वित्तीय प्रबंध के आधुनिकीकरण एवं आंतरिक लेखा-परीक्षा के सुदृढ़ीकरण’ के लिए पहले एक विशेषज्ञ कंपनी मेसर्स प्राइसवाटर हाउस कूपर्स से अध्ययन कराया गया था। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट के आधार पर यह परियोजना वर्ष 2००3 में ही अनुमोदित कर दी गई थी लेकिन किसी कारणवश उस समय यह परियोजना लागू नहीं की जा सकी। मुख्यमंत्री के फैसले से अब यह परियोजना लागू की जा रही है। प्रवक्ता ने बताया कि आंतरिक लेखा-परीक्षा के लिए मानक नीति एवं प्रक्रिया तय करने तथा इसे विभिन्न विभागों में लागू करने का दायित्व राज्य आंतरिक लेखा-परीक्षक (स्टेट इंटरनल ऑडिटर) का होगा जिसका कार्य आंतरिक लेखा-परीक्षा के उद्देश्य का मानक निर्धारित कराना मैनुअल तैयार कराना नीति तथा प्रक्रिया निर्धारित करना भी होगा। उन्होंने बताया कि राज्य का आंतरिक लेखा-परीक्षक यह भी सुनिश्चित करेगा कि निदेशक आंतरिक लेखा-परीक्षा निदेशालय के सहयोग से राज्य के सभी विभागों में आंतरिक लेखा-परीक्षा व्यवस्था लागू की जाए। उसे आंतरिक लेखा-परीक्षा व्यवस्था संगठनात्मक ढांचे कार्यक्षमता तथा प्रशिक्षण की आवश्यकता की समय-समय पर समीक्षा भी करनी होगी।