सभी स्त्री-पुरुष को जरूर पता होना चाहिए, ‘कामदेव’ से जुड़ी ये रहस्मयी बातें…
सनातन धर्म में ‘पुरुषार्थचतुष्टय’ के अन्तर्गत धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष ये चार प्रमुख बातें बताई गई हैं। कामदेव के अनुसार कामनाओं और इच्छाओं का नाम ही काम होता है। सनातन परंपरा के अनुसार धर्म की मर्यादा को रकते हुए काम में प्रवृत्त होनी चाहिए। शास्त्रों के अनुसार कामदेव को काम और प्यार का देवता माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार कामदेव को कृष्ण के पुत्र प्रद्युम्न का अवतार माना गया है। शास्त्रों में इसके संबंध में एक कथा का वर्णन मिलता है, जिसमें भगवान शिव ने अपनी तीसरी आँख से कामदेव को भष्म कर दिया था, उस समय कामदेव की पत्नी रति की प्रार्थना करने पर कामदेव को कृष्ण के पुत्र के रुप में जन्म लेने कर शरीर को प्राप्त करने की बात कही थी। इसके साथ ही भगवान शिव ने कहा की भगवान शिव ने कामदेव को स्त्री पुरुषों के अंगों के अलावा कई अन्य वस्तुओं पर वास करने का अधिकार प्रदान किया।
जिसके बाद कामदेव का निवास यौवन, सुंदर फूल, गीत, परागकण, पक्षियों के स्वर, बाग-बगीचा, बसंत ऋतु, चंदन, काम वासना, आज पर वास करना शुरु किया हैं ।कामदेव अपने जिन शस्त्रों से दूसरे के मन में प्रेम का भाव जगाते हैं, उसके लिए वह पुष्प के पांच बाण का प्रयोग करते हैं।
कामदेव के अस्त्र-शस्त्र में विशेष रूप से धनुष बाण है। कामदेव का धनुष हमेशा पीले रंग का जिसके तीन कोण हैं जो तीनों लोक, तीनों देवता ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक माना जातै है। कामदेव का धनुष मनुष्य के लिए सृष्टि का विकास करने के लिए काम जितना आवश्यक है, उतना ही कर्म और मोक्ष की प्राप्ति भी जरुरी है इसके बारे मे बताते हैं।