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सरकार को सता रहा है कर्ज का बोझ, सिर्फ तीन महीने में बढ़े 2 लाख करोड़

सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है. यह खुलासा वित्‍त मंत्रालय के सरकार कर्ज प्रबंधन की तिमाही रिपोर्ट में हुआ है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक सरकार की कुल देनदारियां सितंबर के अंत तक बढ़कर 82 लाख करोड़ रुपये हो गई हैं, जोकि इसी साल जून के अंत तक 79.8 लाख करोड़ रुपये थी. यानी सिर्फ तीन महीने में सरकार पर 2.2 लाख करोड़ रुपये के कर्ज बढ़ गए हैं.

सरकार को सता रहा है कर्ज का बोझ, सिर्फ तीन महीने में बढ़े 2 लाख करोड़वित्त मंत्रालय की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि करीब 26.6 फीसदी बकाया सिक्युरिटीज की मैच्‍योरिटी अवधि पांच साल से कम है. होल्डिंग पैटर्न से संकेत मिलता है कि साल 2018 के सितंबर अंत तक 41.4 फीसदी कॉमर्शियल बैंकों के लिए और 24.6 फीसदी इंश्‍योरेंस कंपनियों के लिए देनदारी है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि, डॉलर के खिलाफ रुपये के मूल्य में गिरावट और अमेरिकी फेड के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दरों में बढ़ोतरी से देनदारी बढ़ी है. चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर की अवधि में केंद्र सरकार ने कुल 1.44 लाख करोड़ रुपये की डेटेड सिक्योरिटी जारी किए, जबकि एक साल पहले की समान तिमाही में 1.89 लाख करोड़ रुपये के डेटेड सिक्योरिटी जारी किए गए थे.

रिपोर्ट के अनुसार, 10 साल की मैच्‍योरिटी वाली सरकारी बांडों पर यील्ड 11 सितंबर 2018 को बढ़कर 8.18 प्रतिशत पर पहुंच गई. रिपोर्ट में कहा गया कि 11 साल की मैच्‍योरिटी अवधि वाली बांडों को छोड़ अन्य सभी बांडों पर यील्ड वृद्धि हुई है. बता दें कि बांड पर मिलने वाले रिटर्न या कमाई को यील्‍ड कहते हैं. बांड यील्ड में जोखिम कम होता है इसलिए इसमें रिटर्न भी कम होता है.

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