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सरकार ने तैयार किया बजट, जानिए किसे कितना मिलेगा?

hp-govt-5697bef3d6513_exlstदस्तक टाइम्स एजेंसी/ नए वित्त वर्ष में हिमाचल सरकार सबसे ज्यादा बजट यानी 912 करोड़ रुपये सड़कों-पुलों पर खर्च करेगी। वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान राज्य सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान सड़क, शिक्षा और कृषि पर रहेगा। अकेले इन तीन विभागों की योजनाओं के लिए राज्य सरकार की करीब तेइस सौ करोड़ रुपये खर्च करने की प्लानिंग की है।
इसके अलावा स्वास्थ्य और सिंचाई विभाग की योजनाओं पर भी चार-चार सौ करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट खाका तैयार किया गया है। सोमवार को प्लानिंग बोर्ड की बैठक में मुख्यमंत्री 52 सौ करोड़ के योजना आकार पर अपनी मुहर लगाएंगे, जिसके बाद इसे विधानसभा में 8 मार्च को पेश किया जाएगा।

पिछले साल 48 सौ करोड़ रुपये का बजट पेश करने वाले मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह वित्त वर्ष 2016-17 में 52 सौ करोड़ का बजट पेश करने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं, लेकिन इस पर 52 सौ करोड़ रुपये के बजट में वीरभद्र सरकार का सबसे ज्यादा जोर प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों को दुरुस्त करने और प्रदेश के शिक्षा के पूरे ढांचे को बदलने पर रहेगा।

आधिकारिक सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार इस बजट में करीब 912 करोड़ रुपये सड़क परियोजनाओं के लिए खर्च करेगी। चालू वित्त वर्ष में सड़क और परिवहन क्षेत्र के लिए 886.86 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई गई।

वहीं, सरकार टेक्निकल से लेकर एलीमेंट्री शिक्षा, आर्ट एंड कल्चर पर करीब 841 करोड़ खर्च करने का प्लान बना रही है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में किसानों के लाभ को ध्यान में रखते हुए 513 करोड़ की योजनाएं पेश करेगी।

खस्ताहाल सिंचाई व्यवस्था के लिए सरकार ने 410 करोड़ रुपये का प्लान बनाया है जबकि 313 करोड़ से स्वास्थ्य ढांचे को मजबूती देने की तैयारी है। इसके अलावा आंतरिक सुरक्षा को देखते हुए सरकार करीब 42 करोड़ रुपये पुलिस व्यवस्था पर खर्च करेगी।

सोमवार को बजट के प्लान पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में कुछ बदलाव के साथ मुख्यमंत्री इसपर अपनी मंजूरी दे सकते हैं। जिसके बाद इस बजट डाक्यूमेंट को मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह 8 मार्च को विधानसभा में पेश करेंगे। ऊर्जा क्षेत्र के लिए पिछले बजट में 640 करोड़ रुपये के खर्च की योजना थी। आने वाले वित्तीय वर्ष में इसपर लगभग 800 करोड़ रुपये व्यय करने की तैयारी है।

इसके अलावा चालू वित्त वर्ष की तरह ही आगामी वित्त वर्ष में फोकस के क्षेत्र भी सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण, जलापूर्ति, प्रारंभिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद, कृषि एवं अन्य गतिविधियां और ग्रामीण विकास रहेंगे। इसके अलावा शेष कार्यों के लिए भी चालू वित्त वर्ष के बराबर ही लगभग 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा रहा है।

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