सरकार ने सस्ती की खाद, डीएपी सहित सभी ब्रांड पर मिलेगी छूट
भोपाल। जीएसटी में खाद पर लगे टैक्स में कटौती के बाद राज्य सरकार ने खाद सस्ती कर दी है। अब किसानों को यूरिया, डीएपी सहित सभी ब्रांड पर पांच से 10 रुपए प्रति बोरी की छूट दी जाएगी। इससे मप्र विपणन संघ को स्टॉक में रखे चार लाख मीट्रिक टन खाद पर करीब सवा चार करोड़ का नुकसान होगा। इसकी भरपाई के लिए संघ ने खाद उत्पादक कंपनियों से सहयोग मांगा है। यदि कंपनियों ने सहयोग नहीं किया तो ये राशि सरकार से मांगी जाएगी।
वैट, एंट्री मिलाकर प्रदेश में खाद पर सात फीसदी टैक्स लगता था। केंद्र सरकार ने जीएसटी में 12 से घटाकर 5 फीसदी टैक्स कर दिया। इस कारण प्रदेश में खाद पर सीधे तौर पर दो फीसदी टैक्स कम हो गया है। इसके बाद राज्य सहकारी विपणन संघ ने खरीफ फसल के लिए खाद की नई दरें तय कर दी हैं। उल्लेखनीय है कि संघ 25 लाख मीट्रिक टन खाद की आपूर्ति करता है, जो बाजार का 70 फीसदी है।
परीक्षण भी करा रहा संघ
विपणन संघ अपने स्तर पर भी खाद का परीक्षण करा रहा है। इसके लिए एक हजार से ज्यादा सैंपल लिए गए हैं। इनकी रिपोर्ट आने में दो माह से ज्यादा लग जाएंगे, लेकिन संघ ने तय किया है कि रिपोर्ट निगेटिव आने पर वह संबंधित उत्पाद नहीं खरीदेगा। वहीं संघ ने अपनी लैब तैयार करने का भी निर्णय लिया है।
गोदामों पर रखा चार लाख मीट्रिक टन खाद
विपणन संघ को स्टॉक में रखे चार लाख मीट्रिक टन खाद पर नुकसान हो रहा है। संघ के गोदामों में 1.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 86 हजार मीट्रिक टन डीएपी, 20 हजार मीट्रिक टन आयातित यूरिया स्टॉक में है। इस पर करीब सवा चार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। ऐसे ही सोसायटियों में 68 हजार मीट्रिक टन डीएपी और 66 हजार मीट्रिक टन यूरिया रखा है।
बोवनी ठिठकी
प्रदेश के कई इलाकों में बारिश न होने के कारण खरीफ फसल की बोवनी पर असर पड़ा है। बतर और बारिश में गेप के कारण फसलों की बोवनी नहीं हो पा रही है, वहीं मौसम में नमी नहीं रहने के कारण सोयाबीन की बोवनी में भी देरी हो रही है।
सिर्फ खरीफ सीजन के लिए दरें
खाद पर जीएसटी कम होने के बाद प्रदेश के किसानों को पांच से 20 रुपए प्रति बोरी का फायदा दिया जा रहा है। नई दरें सिर्फ खरीफ सीजन के लिए हैं। इससे स्टॉक में रखे खाद पर करीब सवा चार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। हमने कंपनियों से नुकसान में सहयोग मांगा है।