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सरबत खालसा पर गरमाई पंजाब की सियासत, विरोधी हुई सरकार

दस्तक टाइम्स/एजेंसी- पंजाबsarbat-khalsa-563eed82d763e_exl: 10 नवंबर को होने जा रहे सरबत खालसा को लेकर पंजाब की सियासत गरमा गई है। सरकार अब खुलकर इसका विरोध कर रही। शनिवार को कई जिलों में सरकार के मंत्रियों और अकाली नेताओं ने बैठक कर सरबत खालसा के खिलाफ मत पास किया।
अमृतसर स्थित भाई गुरदास हॉल में अकाली नेता वीर सिंह लोपोके और कैबिनेट मंत्री गुलजार सिंह रणीके के नेतृत्व में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में अकाली दल के वफादार वर्करों और नेताओं ने एलान किया कि वह किसी कीमत पर सरबत खालसा को सफल नहीं होने देंगे।
लोपोके और रणीके ने कहा कि सरबत खालसा के नाम पर कुछ शरारती लोग इकट्ठ करके पंजाब के हालात को खराब करना चाहते हैं। कुछ शरारती लोग श्री अकाल तख्त साहिब को चुनौती देते हुए सरबत खालसा बुला रहे हैं। वहीं पटियाला में शनिवार को पटियाला में अकाली दल के देहाती प्रधान दीपइंद्र सिंह ढिल्लों की अगुवाई में गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब में सरबत खालसा के खिलाफ बैठक की गई।
इस दौरान रखड़ा ने कहा कि जो सिरसा डेरा के खिलाफ श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से फरमान जारी किया हुआ है, अकाली दल उस हुक्मनामे पर अटल है। डेरा प्रेमियों के साथ कोई भी सांझ न रखना भी इस हुक्मनामे के अधीन ही है।
हाल ही में अकाली लीडरों की ओर से पार्टी या ओहदों से इस्तीफे देने संबंधी आ रहे बयान निराधार हैं और अब तक पार्टी प्रधान के पास कोई भी लीडर का इस्तीफा नहीं पहुंचा है। रोपड़ में अकाली दल (बादल) की ओर से गुरुद्वारा श्री भट्ठा साहिब में शनिवार को विशाल कांफ्रेंस का आयोजन किया गया।
काफ़्रेंस में शिक्षा मंत्री डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि केवल कुछ लोगों की तरफ से कॉल करके किए जाने वाले जलसे को सरबत खालसा नहीं कहा जा सकता। सरबत खालसा बुलाने का अधिकार केवल श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के पास ही है।
जालंधर में शिअद के जालंधर व देहाती और सभी विधायकों व मंत्रियों की बैठक मॉडल टाऊन गुरुद्वारा में हुई, जिसमें सरबत खालसा को मर्यादा के उलट बताया गया।
 
 

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