सरोगेसी बैनः अमेरिकी जोड़े ने हाईकोर्ट से मांगी भ्रूण वापस ले जाने की इजाजत
मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को निर्देश दिया कि विदेश व्यापार महानिदेशक और केंद्र सरकार के परिवार कल्याण विभाग को यूएस कपल की ओर से दायर याचिका में पार्टी बनाया जाए। हाल ही में कॉमर्शियल सरोगेसी पर भारत सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अमेरिकी कपल शहर के अस्पताल में रखे आठ भ्रूणों को वापस ले जाना चाहते हैं।
यह निर्देश देते हुए जस्टिस शांतनु केमकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के लिए 24 अक्टूबर की तारीख मुकर्रर की है। न्यायाधीशों की राय थी कि आयात और निर्यात का नियंत्रण डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड द्वारा किया जाता है, इसलिए उसे भी पार्टी बनाया जाना चाहिए।
इसके अलावा, याचिका में भ्रूण के सवाल पर चिंता जाहिर की गई है, इसलिए परिवार कल्याण विभाग को इस मामले को सुनना चाहिए। याचिकाकर्ता आशुतोष कुंभकोनी के वकील ने दलील दी कि सरकार एक एडवर्टोरियल दृष्टिकोण नहीं अपनाना चाहिए और समस्या का हल पता लगाना चाहिए।
वकील ने दलील दी कि ये हमारे भ्रूण हैं और सरकार उनका क्या करेगी। हम इस देश के कानूनों के अनुसार और अधिकारियों की अनुमति लेने के बाद उन्हें भारत लाए थे। अब जब कि सरोगेसी पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया है, हम उन्हें वापस ले जाना चाहते हैं।