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रायपुर : छत्तीसगढ़ में एक ऐसी महिला हैं, जो सांप को देखते ही उसके पास जाती हैं और उसे पकड़ने की कोशिश करती हैं। उनका नाम है- डॉ. मंजीत कौर बल। वे वर्तमान में नया रायपुर में निवासरत हैं। पिछले 18 सालों से सांपों को पकड़ने और सांपों के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं। मंजीत कौर का सांपों के प्रति प्यार उनके छोटे भाई हर्षजीत सिंह बल की वजह से आया। मंजीत बताती हैं कि बचपन के दिनों में जब कोई सांप मारता था तो अक्सर उनका भाई उन्हें मना किया करता था। यह सिलसिला चलता रहा। भाई मेडिकल की पढ़ाई कर डॉ. बन गया और बेंगलुरू चला गया। भाई के जाने के बाद उन्होंने लोगों को सांपों के प्रति जागरूक करना शुरू कर दिया। धीरे से सांप पकड़ने का सिलसिला भी उनकी जिंदगी में शुरू हो गया। उनका भाई उन्हें फोन में सांपों को पकड़ने का तरीका बताया करता था और उसने यहां सांप पकड़ा, उन्हें जंगल एरिया में छोड़ आया करती थीं। सांपों को पकड़ने में एक पुरुष का कलेजा दहल जाता है, लेकिन मंजीत ने इस चुनौती को स्वीकारा और इसे जीवन का हिस्सा बना लिया। सांपों के पकड़ने का सिलसिला मजीत के जिंदगी में चल ही रहा था कि उनकी मुलाकात नोवा नेचर ग्रुप से हुई। 2014 में हुई इस मुलाकात से सांपों को पकड़ने के कई तरीकों की जानकारी मंजीत को मिली। मंजीत बताती हैं कि निमोरा ग्राम में काम के दौरान वहां उन्होंने बहुत से कोबरा सांपों को पकड़ा था। उस एरिया में सबसे ज्यादा कोबरा सांप निकलते हैं, मोहल्ले के लोग इनसे काफी डरा करते थे। उन्होंने मोहल्ले के ही कुछ बच्चों को सांप पकड़ने का तरीका बताया। और उन्हें एक्सपर्ट बना डालीं। मंजीत की यह खासियत है कि जहां भी ज्यादा संख्या में सांप निकलते हैं, वहां के कुछ लोगों को चुनकर उन्हें सांप पकड़ने का तरीका सिखाती हैं। सांपों को पकड़ने वालों का एक वॉट्सअप ग्रुप बना हुआ है। मंजीत के अनुसार इस ग्रूप में जहां भी सांप निलकते हैं या अक्सर निकलते हैं जगह को चिन्हित कर ये लोग वहां जाकर सांप पकड़ते हैं।