आप खुद ही अंदाजा लगाइए कि उस राज्य की जनता का भला ऐसे लोग कैसे कर सकते हैं जो अपने ही परिवार में भिड़े हुए हों. बात साइकिल की चल रही थी, एबीपी न्यूज के पास एक्सक्लूसिव खबर ये भी है कि अगर अखिलेश को साइकिल नहीं मिली तो वो मोटरसाइकिल की भी सवारी कर सकते हैं.
निर्वाचन आयोग में ‘चुनाव चिह्न’ मामला
हो सकता है कि इस चुनाव में अखिलेश यादव साइकिल छोड़कर मोटरसाइकिल पर सवारी करते नजर आएं. दरअसल अखिलेश यादव के एक बेहद करीबी व्यक्ति ने एबीपी न्यूज को जानकारी दी कि टीम अखिलेश को पता है कि चुनाव आयोग साइकिल चुनाव चिह्न को जब्त कर सकता है. ऐसे में अखिलेश गुट मोटरसाइकिल को अपना चुनाव चिन्ह रखने का पूरा मन बना चुका है.
अखिलेश को बनाया गया था पार्टी का अध्यक्ष
मुलायम सिंह चुनाव आयोग में साइकिल पर अपना दावा जता चुके हैं. अब अखिलेश गुट के रामगोपाल यादव आज चुनाव आयोग जा रहे हैं. अखिलेश गुट अपनी विशेष राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पास हुए प्रस्ताव की जानकारी चुनाव आयोग को देगा. पार्टी सम्मेलन में मुलायम सिंह को हटाकर पार्टी का अध्यक्ष अखिलेश यादव को बनाया गया था.
आयोग से फैसला आने में वक्त लगेगा
अखिलेश गुट आयोग के सामने ये साबित करने की कोशिश करेगा कि असली समाजवादी पार्टी की अगुवाई अखिलेश यादव कर रहे है. ऐसे में चुनाव चिह्न साइकिल पर अखिलेश गुट का हक बनता है. जाहिर है दोनों गुटों के दावे की जांच में चुनाव आयोग को कई महीने लग सकते हैं.
जबकि यूपी में चुनाव का समय आ चुका है. आयोग कभी भी चुनाव का एलान कर सकता है. जाहिर है ऐसे हालात में अखिलेश गुट को नए चुनाव चिह्न के साथ चुनाव में उतरना होगा. ऐसे में अखिलेश गुट को लगता है कि साइकिल से ज्यादा तेज चलने वाली मोटरसाइकिल की सवारी की जाए.