राज्य

सात मृतकों की शिनाख्त नहीं, कोई नहीं पहुंचेगा तो प्रशासन करवाएगा संस्कार

नेरवा.गुम्मा के नजदीक टौंस नदी में निजी बस के गिरने से मौत के मुंह में गए 45 लोगों में से 12 शवों की ही शिनाख्त हो पाई, लेकिन सात मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है। 26 शवों की शिनाख्त बुधवार को ही कर ली गई थी।वीरवार को त्यूणी, विकासनगर समेत आसपास के इलाकों से लोग राेते बिखलते नेरवा अस्पताल पहुंचे। लेकिन शाम तक । आगे इनकी हुई शिनाख्त…
 
इनमें किरण देवी बिजनौर उत्तर प्रदेश, रोशनी देवी पत्नी मान सिंह रोहड़ू, मान सिंह पुत्र राम लाल रोहड़ू, सुरेंद्र पुत्र अजीत सिंह पांवटा, गंगा राम पुत्र प्रेम बहादुर त्यूणी, मोहन लाल पुत्र राम प्रकाश फरीदाबाद, शेर सिंह बरेली, संजीव पुत्र अमन सिंह बिजनौर, हजयमन पुत्र भलावन बिहार के रूप में हुई है। बचे हुए सात शवों को दाह संस्कार के लिए अपनों के कंधों का इंतजार है।
 
हादसे में मारे गए 26 शवों की शिनाख्त बुधवार को ही कर ली गई थी। इनको मिलाकर हादसे में मारे गए 45 में से अब तक 38 लोगों की पहचान पूरी हो गई है। उधर, डीसी रोहन चंद ठाकुर ने कहा कि इन शवों की शिनाख्त करने के हरसंभव प्रयास किए गए, लेकिन रात अंधेरा होने तक शवों की पहचान नहीं हुई।
 
उन्होंने कहा कि अगर शुक्रवार सुबह तक इन शवों की शिनाख्त नहीं होती है, तो उनका दाह संस्कार कर लिया जाएगा। वीरवार को जिन शवों की पहचान की गई है, उनमें उत्तराखंड, हिमाचल और नेपाली मूल के भी हैं। डीसी ने बताया कि नेपाली मूल के शवों के संबंध में विदेश मंत्रालय के माध्यम से नेपाली दूतावास के साथ संपर्क किया जा रहा है।
 
डीसी ने बताया कि मृतकों के परिजनों को फौरी तौर पर 50-50 हजार रुपए प्रदान किए गए। अभी तक प्रशासन की ओर से कुल 19 लाख रुपए फौरी सहायता के रूप में आवंटित कर लिए गए हैं। अपनों की पहचान करने के लिए दूर -दूर से लोग सात बजे ही अस्पताल पहुंच गए थे। मगर शाम पांच बजे तक परिजन सात शवों की पहचान नहीं कर पाए। ये शव बुरी तरह सेक्षत विक्षिप्त हुए हैं, इस कारण इनकी पहचान नहीं हो पा रही है।

Related Articles

Back to top button