महाराष्ट्रराज्य

महाराष्ट्र में बगावत के संकेत न समझ पाने का खामियाजा भुगत सकते हैं उद्धव ठाकरे, BJP का देवेंद्र फडणवीस पर भरोसा कायम

नई दिल्ली : महाराष्ट्र में पहले राज्यसभा चुनाव और उसके बाद विधान परिषद चुनाव में भी बगावत के संकेत समझने में असफल रही महा विकास अघाड़ी सरकार शिवसेना में बड़ी बगावत के बाद दांव पर है। 55 सदस्यीय शिवसेना विधायक दल के लगभग आधे विधायकों ने बगावत का झंडा बुलंद कर मुख्यमंत्री उद्धव टाकरे के नेतृत्व को खुली चुनौती दी है। दूसरी तरफ भाजपा मौजूदा विधानसभा में नतीजे आने के बाद लगातार दो बड़े झटकों का राजनीतिक बदला लेने की जुगत में है। भाजपा और शिवसेना में टकराव की बुनियाद तभी पड़ गई थी, जब गठबंधन में चुनाव जीतने के बाद भी शिवसेना से भाजपा को छोड़कर विरोधी दलों कांग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने का फैसला किया था। इसके पहले भाजपा ने एनसीपी के साथ मिलकर सरकार भी बनाई, लेकिन शरद पवार ने अपने भतीजे अजित पवार की घर वापसी कराकर भाजपा के मंसूबों पर पानी फेर दिया था। तभी से भाजपा शिवसेना से राजनीतिक बदला लेने की कोशिश कर रही थी।

हाल में राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने शिवसेना के एक उम्मीदवार को हराकर साफ कर दिया था कि उसने महाविकास अघाड़ी में सेंध लगा दी थी। इसके बाद विधान परिषद चुनाव में भी वही कहानी दोहराई गई। अघाड़ी के दिग्गज नेता और खुद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी सारे तंत्र के बावजूद भीतरी हलचल को समझ नहीं पाए। वहीं, भाजपा ने भीतर ही भीतर शिवसेना में सबसे बड़ी टूट की इबारत भी लिख ली और शिवसेना विधायक दल के नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लगभग आधे विधायकों ने बगावत करते हुए गुजरात का रुख कर लिया।

बता दें कि राज्य में सफलता या असफलता के जो भी हालात रहे हों, भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भरोसा बनाए रखा। फडणवीस भी लगातार जुटे रहे और आखिरकार शिवसेना की बगावत सामने आई। बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला था, लेकिन भाजपा से काफी कम सीटें होने पर भी शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोंका और वह न मिलने पर भाजपा से नाता तोड़ कर कांग्रेस व राकांपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।

भाजपा व उसके साथ खड़े निर्दलीय व अन्य दलों की संख्या 113 है। शिवसेना के 55 में से अभी तक 26 विधायकों की बागवत की खबर आई है। हालांकि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा बुलाई बैठक में लगभग 20 विधायकों के ही पहुंचने से यह संख्या और ज्यादा हो सकती है। चर्चा है कि शिवसेना समेत महा विकास अघाड़ी दलों से लगभग 35 विधायक टूट सकते हैं। ऐसे में राज्य में एक बार फिर भाजपा सरकार बनने के आसार बन सकते हैं।

Related Articles

Back to top button