जीवनशैली

सावधान! महिलाओं में मोटापे के चलते बढ़ रहा है कैंसर का खतरा

आज के दौर में एंडोमेट्रियल कैंसर महिलाओं को होने वाली बीमारियों में चौथे स्थान पर है. और मोटापा इसकी सबसे बड़ी वजह बन रहा है. जी हां , मोटापा अथवा ओबेसिटी यू तो स्वास्थ संबंधित कई तरह की बीमारियों की जड़ है पर अब इसके चलते एंडोमेट्रियल कैंसर का खतरा गम्भीर स्वरूप धारण करता जा रहा है. बीते कुछ सालों में ऐसे मामले में उछाल देखने को मिला है जो हालात की गंभीरता की तरफ इशारा कर रहा है.

अनियमित खानपान और स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल के चलते मोटापा इन दिनों महिलाओ में तेज़ी से फैलने वाली बीमारियों में से एक है और ऐसा देखने को मिल रहा है कि ब्रेस्ट और एंडोमेट्रियल कैंसर के कई कारणों में मोटापा सबसे अहम होता जा रहा है. खास तौर पर उम्रदराज़ महिलाओं में ऐसे मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. बुजुर्ग महिलाओं में जो पोस्ट मेनोपौसल के दौर से गुजर रही होती है, उनमें हार्मोन में बदलाव, पॉलीसिस्टिक ओवरी, डाईबेटिक जैसे मुख्य समस्याओं में से बढ़ता वजन सबसे ज्यादा खतरनाक है जो कि सीधे तौर पर ओवेरियन कैंसर का कारण बनता जा रहा है.

इसी कड़ी में दिल्ली के नामी मैक्स इंस्टीटूट ऑफ कैंसर केअर ने ऐसी 9 महिलाओं को जिनका बॉडी मास इंडेक्स 40 था, सफल रोबोटिक सर्जरी से एक नया जीवन दिया है. इन सभी महिलओं का वजन जरूरत से ज्यादा था और ये एंडोमेट्रियल कैंसर के स्टेज 1 से जूझ रही थी. आम तौर पर ये बीमारी उम्रदराज़ महिलाओं में पाई जाती है पर अब ये बिगड़ते लाइफस्टाइल और मोटापे के चलते 25 साल की युवतियों में भी आम होती जा रही है. पहले के मुकाबले एंडोमेट्रियल कैंसर के मामले दुगुनी तेज़ी से बढ़ रहे है, और ये सीधे तौर पर हमारे बॉडी मास इंडेक्स और लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है.

आम तौर पर बॉडी मास इंडेक्स या BMI 25 से 30 के बीच होना चाहिए, पर bmi का 40 पार करते की कैंसर का खतरा 9 गुना बढ़ जाता है. मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट गाइनो ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक्स, डॉक्टर अमिश चौधरी का कहना है, ” मोटापे के चलते एंडोमेट्रियल कैंसर का रिस्क 9 गुना होता है, और ऐसे हालात में रोबोटिक सर्जरी ही एक मात्र सफल विकल्प बचता है जिसका खर्च अब ओपन सर्जरी के आस पास ही आता है. मोटापे और एंडोमेट्रियल कैंसर पीड़ित महिलाओं के लिए रोबोटिक सर्जरी का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि इसमे ब्लड लॉस कम होता है और सर्जरी के बाद दर्द भी न के बराबर होता है. साथ ही मोटापे के चलते मरीजो में डायबेटिक्स भी होती है जिसके कारण नार्मल आपरेशन के समय उनको एनेस्थेसिया देना संभव नही होता है. जिसकी जरूरत रोबोटिक सर्जरी में नही पड़ती है और साथ ही अब रोबोटिक सर्जरी ओपन सर्जरी से हर मायने में बेहतर होती है”.

तो जहाँ आधुनिक होते टेक्नोलॉजी ने ऐसी गंभीर होती बीमारियों से निपटने के लिए नए साधन दिए है तो वही आधुनिकता और बदलते लाइफस्टाइल ने हमे मोटापा और उससे जुड़ी गंभीर बिमारिओ को भी जन्म दिया है. ऐसे में जरूरत है कि हम अपने लाइफस्टाइल को सही दिशा में बदले और खुद को स्वस्थ रखते हुए खानपान का विशेष ख्याल रखें.

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