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सिर्फ टेस्ट के गेंदबाज बन कर रह गए हैं अश्विन-जडेजा? फिर किया गया इग्नोर

दुनिया में सबसे तेज 300 टेस्ट विकेट लेकर धमाल मचाने वाले टीम इंडिया के स्टार स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन को श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिए नजरअंदाज किया गया है. उनके साथ रवींद्र जडेजा भी टीम में शामिल नहीं हैं. अश्विन और जडेजा की अनदेखी हालांकि स्पष्ट संकेत है कि फिलहाल वे इस फॉर्मेट में चयनकर्ताओं की योजना का हिस्सा नहीं हैं.

सिर्फ टेस्ट के गेंदबाज बन कर रह गए हैं अश्विन-जडेजा? प्रसाद एंड कंपनी ने अगस्त महीने में श्रीलंका दौरे पर संकेत दिया था कि इन दोनों को आराम दिया गया है, लेकिन इसके बाद ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ भी इन दोनों को पहली पसंद के तौर पर टीम में नहीं चुना गया. अश्विन और जडेजा ने नागपुर की पिच से मदद नहीं मिलने के बावजूद दूसरे टेस्ट में आठ और पांच विकेट चटकाए लेकिन इसके बावजूद उन्हें लिमिटेड ओवर्स सीरीज की टीम में जगह नहीं मिली.

पीटीआई के मुताबिक चयनकर्ताओं ने 2019 वर्ल्ड कप की तैयारियों को देखते हुए अश्विन और जडेजा को अपनी योजनाओं के बारे में बता दिया है. वनडे टीम से बाहर होने से पहले इन दोनों टेस्ट स्पेशलिस्ट गेंदबाजों को इस फॉर्मेट में विकेट चटकाने के लिए जूझना पड़ा था.

जडेजा ने अपने पिछले 10 मैचों में सात जबकि अश्विन ने 10 विकेट चटकाए हैं. इस दौरान इन दोनों ने 4 . 90 और 4 .91 रन प्रति ओवर की गति से रन दिए. चहल ने 14 मैच के अपने वनडे करियर में 4.56 की इकोनामी रेट से 21 विकेट चटकाए हैं.

इसी तरह कुलदीप ने 12 वनडे में 4 .94 की इकोनामी रेट के साथ 19 विकेट हासिल किए है जिसमें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हैट्रिक भी शामिल है. इन आंकड़ों से कुलदीप और चहल कोहली जैसे आक्रामक कप्तान के लिए विकेट हासिल करने के बेहतर विकल्प साबित होते हैं.

ये दोनों युवा स्पिनर अगर दक्षिण अफ्रीका और इसके बाद होने वाले इंग्लैंड के दौरे पर सीमित ओवरों के प्रारूप में काफी खराब प्रदर्शन नहीं करते हैं तो फिर जडेजा और अश्विन के लिए वापसी मुश्किल होगी. पता चला है कि कोहली के दिल्ली में तीसरा टेस्ट में खेलने के कारण उन्होंने चयनकर्ताओं से इस मैच के दौरान दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए टेस्ट टीम चुनने का आग्रह किया जिसे मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद और उनके पैनल ने मान लिया.

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