![सीएम से बोले मेयर चमोली, ऐसे तो डीएम हमें...की नोक पर समझेगा](http://dastaktimes.org/wp-content/uploads/2017/09/Capture.png)
अपनी ही सरकार में मेयर की फजीहत पर लोगों की जुबान पर मेयर के लिए सहानुभूति के बोल थे, तो यह भी कहने वाले बहुत से लोग थे कि हरिद्वार मेयर मनोज गर्ग की तरह चमोली ने भी सरकार की फजीहत करा दी। कइयों ने मुख्यमंत्री से उनके बातचीत के तरीके पर भी सवाल उठाए तो मेयर के समर्थकों की दो टूक राय थी कि इस तरह की जलालत पर किसका खून नहीं खौलेगा?
मुख्यमंत्री ने क्या कहा, इस वीडियो में यह तो सुनाई नहीं पड़ रहा, मगर मेयर ने ऐसा क्या कहा, इस वायरल वीडियो में? हम आपको इसे दिखा तो नहीं सकते, लेकिन पढ़ा तो सकते ही हैं। तो पढ़िए, मेयर ने क्या कहा मुख्यमंत्री से और किस अंदाज में…
जब मैंने उससे बात की तो बोला आपने मुझसे टाइम नहीं लिया था, डीएम मुझसे बोलेगा टाइम नहीं लिया था। मेयर से ये बोलेगा? कैसे चलेगा? त्रिवेंद्र जी ये नहीं चलेगा। साढ़े 32 साल से राजनीति की है, ये सुनने के लिए नहीं की है। एक डीएम इस तरह पब्लिकली मेरे से ऐसे बात करेगा। नहीं भाई मेरा प्रोटोकॉल है। मेयर भी हूं मैं।
…डीएम ये कह सकता था साहब मैं लेट हो गया। मैं रह गया, सॉरी बोल सकता था। ये बोलेगा, आपने टाइम नहीं लिया मुझसे? आप डीएम से बात करिए। डीएम ये कहेगा मुझसे आप टाइम लें। माननीय मुख्यमंत्री जी आप मुझसे ये करवाना चाहते हैं, मैं डीएम से टाइम लूं?
साढ़े नौ साल में आज मैं पहली बार यहां आया। सुन लीजिए, मैं नहीं आता डीएम कार्यालय। विधायक था मैं अपनी जिम्मेदारी समझकर बात करने आया था। ये ठीक नहीं है, तरीका ठीक नहीं। अरे! डीएम तो हमें…..की नोक पर समझेगा, काहे के जनप्रतिनिधि हैं हम।
त्रिवेंद्र जी अहम नहीं है। ये तरीका है। ये प्रोटोकॉल है भैया। डीएम सॉरी नहीं कह सकता है क्या, इतना बड़ा आदमी हो गया क्या? क्या डीएम मुझे फोन नहीं कर सकता? इस शहर के मेयर से डीएम फोन पर बात नहीं कर सकता? अब आप बात करिए डीएम से, इसने गलती की है बात करिए।
पब्लिक में कार्यकर्ताओं, मैं तो अंदर बैठा था, मुझे मजबूरी में बाहर आना पड़ा। वो आते ही कहता है, साहब आपने टाइम नहीं लिया है, टाइम क्यों नहीं लिया, डीएम इस लहजे में बात करेगा मुझसे क्या करूंगा मैं, आप मेरी जगह होते क्या उठकर आ जाते, अपने को मेरी जगह रखो न, आपने भी बहुत धरने-प्रदर्शन किए हैं।
बात करो डीएम से, नहीं… सॉरी तो कहना पड़ेगा, ऐसे नहीं चलेगा। उससे पूछ लीजिए, मैं कहां जाऊंगा भाई, कार्यालय में मुझसे बात करना नहीं चाह रहा, मैं यहां छोड़कर जा नहीं सकता। आप ही बताओ कहां जाऊं मैं, नहीं आप उससे बात करिए, आप बात करिए।