सीता जी का अचूक मंत्र दिलाता है सभी संकटों से मुक्ति
आज मंगलवार है और यह दिन भगवान शिव के रौद्र रूप भगवान श्री हनुमान जी के नाम है। इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से विशेष फल मिलता है। साधकों और भक्तों को इस दिन अपने घर के अासपास के हनुमान मंदिर में अवश्य जाना चाहिए और अपने तथा अपने परिवार के लिए दुआ अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से भगवान की कृपा प्राप्त होती है। हम यहां सीता जी द्वारा बताए एक मंत्र के बारे में आपको बताने जा रहे है, यह मंत्र श्री रामचरित मानस के सुन्दरकांड के अंतर्गत आता है।
जीवन के किसी-किसी मोड़ पर इंसान के सामने कोई ऐसी विपत्ति आ खड़ी होती है, जिससे पार पाने में वह खुद को एकदम असमर्थ पाता है। ऐसी स्थिति से उबरने में विवेकपूर्वक किए गए कर्म और दैवीय सहायता काम आते हैं। जो आस्तिक होते हैं, वे अक्सर अपने इष्टदेव से सहायता मांगते हैं।
ऐसे कई मंत्र हैं, जो हर तरह के संकटों से छुटकारा दिलाने में मददगार साबित हो सकते हैं। वैसे तो श्रीरामचरितमानस की हर चौपाई ही अपने आप में मंत्र जैसा प्रभाव रखती है, पर कुछ चौपाइयों का मंत्र के रूप में प्रयोग प्रचलित है. ऐसे ही एक मंत्र की चर्चा यहां की गई है, जो एकदम सरल व बेहद प्रभावकारी है।
सीता जी द्वारा दिया गया है यह है मंत्र
‘दीन दयाल बिरिदु संभारी, हरहु नाथ मम संकट भारी’
मानस के मंत्रों को सिद्ध करने और जप के अपने नियम तो हैं, पर बिना किसी खास नियम के, केवल एकाग्र मन से भी मंत्र का प्रयोग किसी भी अवस्था में किया जा सकता है। अचानक संकट उत्पन्न होने पर कोई भी कभी भी कातर भाव से इसे जप सकता है।
धार्मिक ग्रंथों में मानस के ऐसे मंत्रों की महिमा खूब गाई गई है। साधकों को उनकी भावना के अनुरूप ही फल मिलता है। इस तरह के उपाय सिर्फ आस्तिकों के लिए ही हैं।