एजेन्सी/ श्रीनगर: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने श्रीनगर के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) के छात्रों को भरोसा दिलाया है कि संस्थान में ‘सुरक्षित माहौल’ में परीक्षा करवाई जाएगी। यहां मंगलवार शाम को छात्रों से झड़प के बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इस मामले में 10 ताजा घटनाक्रम इस प्रकार हैं-
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
- स्मृति ईरानी ने कहा कि हालांकि कानून-व्यवस्था का मुद्दा राज्य का विषय है, लेकिन उन्होंने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात की है और महबूबा ने उन्हें आश्वास्त किया है कि संस्थान के सभी छात्र सुरक्षित रहेंगे और किसी भी छात्र के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
- ईरानी ने बुधवार को वरिष्ठ अधिकारियों को संस्थान के हालात का जायजा लेने के लिए भेजा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने करीब 400 छात्रों और कुछ अभिभावकों से बातचीत की। ये अधिकारी संस्थान में परीक्षा खत्म होने तक रुके रहेंगे।
- स्मृति ईरानी ने इस बात की पुष्टि की कि संस्थान में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 11 अप्रैल यानी अगले सोमवार से परीक्षाएं होंगी। उन्होंने कहा कि छात्रों ने अंक पद्धति के बारे में शिकायत नहीं की है। कुछ छात्र घर जाना चाहते हैं। हमने जरूरी व्यवस्थाएं की हैं।
- संस्थान में पिछले हफ्ते से तनाव का माहौल बना हुआ है। दरअसल टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज के हाथों भारतीय क्रिकेट टीम की हार के बाद स्थानीय और बाहरी छात्रों के बीच झगड़ा हो गया था।
- जम्मू-कश्मीर से बाहर के छात्रों ने असुरक्षा महसूस होने की बात कही और परिसर से जाने की कोशिश की, जिसके बाद उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई और पुलिस के लाठीचार्ज में कुछ छात्र घायल हो गए।
- स्थिति के तनावपूर्ण हो जाने के मद्देनजर परिसर में सीआरपीएफ के जवान तैनात किए गए और जम्मू-कश्मीर सरकार ने यहां पढ़ रहे बाहरी राज्यों के छात्रों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का भरोसा दिलाया। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से भी बात की और उनसे एनआईटी में हालात पर चर्चा की।
- बुधवार सुबह संस्थान में कक्षाएं चलीं, लेकिन विरोध कर रहे कश्मीर से बाहर के कई छात्रों ने क्लास का बहिष्कार किया।
- पिछले हफ्ते टी-20 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारतीय टीम की हार के बाद कुछ कश्मीरी छात्रों ने पटाखे फोड़े थे। इसके बाद बाहरी छात्रों ने कथित रूप से तिरंगा फहराया और कैंपस में मार्च भी निकाला।
- इस घटना के बाद से ही कश्मीर के बाहर के छात्र मांग कर रहे हैं कि परीक्षा स्थगित की जाए और संस्थान में स्थायी रूप से तिरंगा फहराया जाए।
- पुलिस ने छात्रों से तिरंगा न फहराने को कहा है क्योंकि इससे जम्मू-कश्मीर में कड़ी प्रतिक्रिया होती है, क्योंकि राज्य का अपना अलग झंडा है जो सरकारी इमारतों और कार्यक्रमों में फहराया जाता है। बीते समय में राज्य सरकार ने लोगों को राष्ट्रीय झंडा फहराने से मना कर दिया था, ताकि कानून-व्यवस्था की समस्या न खड़ी हो।