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‘सुप्रीम’ फैसले के बाद भाजपा नेताओं ने संसद में लगाए राहुल माफी मांगों के नारे

फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 विमान खरीदने को लेकर हुए सौदे पर आज उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई। मोदी सरकार को सर्वोच्च न्यायालय से आज बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने राफेल सौदे में हस्तक्षेप करने से साफ मना कर दिया है। न्यायालय ने कहा कि प्रक्रिया में विशेष कमी नहीं रही है और केंद्र विमान खरीदने के फैसले पर सवाल उठाना सही नहीं है।
'सुप्रीम' फैसले के बाद भाजपा नेताओं ने संसद में लगाए राहुल माफी मांगों के नारे
आज सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही जहां विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी अपनी मांगों को लेकर आसन के पास आकर नारेबाजी कर रहे थे, वहीं भाजपा के सदस्य भी शीर्ष अदालत के फैसले की पृष्ठभूमि में आक्रामक दिखे। भाजपा सदस्य ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगा रहे थे। संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी सदन में कहा कि शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए।

इस दौरान संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ ही भाजपा के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर ‘राहुल गांधी माफी मांगो’ के नारे लगाते रहे। बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरूआत से ही कांग्रेस राफेल सौदे में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से इसकी जांच कराने की मांग कर रही है। इसके कारण सदन की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है।

वहीं कांग्रेस सदस्यों ने शुक्रवार को भी राफेल सौदे में जेपीसी जांच की अपनी मांग जारी रखी। इस दौरान कांग्रेस और भाजपा के सदस्यों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी देखने को मिले। इस दौरान सदन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी उपस्थित नहीं थे। संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी सदन में उपस्थित थीं।

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