सुषमा तीन दिन की यात्रा पर वियतनाम पहुंचीं
हनोई़। रणनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण वियतनाम के साथ अधिक गतिशील संबंध बनाने के लिए इस देश के शीर्ष नेताओं से बातचीत के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तीन दिन की यात्रा पर आज यहां पहुंची। वियतनाम के नेताओं के साथ बातचीत में रक्षा, कृषि, फार्मा और कपड़ा उद्योग में सहयोग पर विशेष बल दिए जाने की उम्मीद है। वियतनाम ने अभी कुछ दिन पहले ही दक्षिण चीन सागर में दो तेल प्रखंडों पर भारत के पट्टे की अवधि एक साल के लिए बढ़ाई है जिस पर चीन आपत्ति उठा सकता है। वियतनाम के इस निर्णय के ठीक बाद विदेश मंत्री यह यात्रा कर रही हैं। सुषमा की यह यात्रा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की अगले महीने होने वाली वियतनाम यात्रा से पहले हो रही है। सुषमा यहां इस क्षेत्र के भारतीय दूतावासों के प्रमुखों के साथ बैठक भी करेंगी और आसियान-भातर नेटवर्क के तीसरे दौर के गोलमेज सम्मेलन का उद्घाटन करेंगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा था, ‘‘भारत और वियतनाम के राजनीतिक संबंध बहुत अच्छे हैं। हमें उम्मीद है कि विदेशी मंत्री की वियतनाम यात्रा से आने वाले दिनों में भारत और वियतनाम के बीच उच्चस्तरीय यात्राओं का रास्ता बनेगा।’’ भारत और वियतनाम के बीच उच्च स्तरीय यात्राओं की परंपरा है। वियतनाम की ओर से आखिरी उच्च स्तरीय यात्रा पिछले साल नवंबर में हुई थी जबकि वियतनामी कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव ग्यूयेन फू त्रांग भारत आए थे। दोनों देशों का आर्थिक संबंध भी काफी मजबूत है और द्विपक्षीय व्यापार 8 अरब डालर का है जिसमें भारतीय की ओर से निर्यात 5दृ4 अरब डालर है। अकबरुद्दीन ने कहा था ‘‘हमें मौजूदा हालात में (वियतनाम के साथ) कपड़ा, फार्मा और कृषि समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपना संबंध मजबूत करने की संभावना दिख रही है।’’