सूखे की मार झेल रहे लातूर के दो चेहरे
एजेन्सी/ लातूर: महाराष्ट्र के लातूर में स्थित ग्रैंड होटल में पहुंचते ही आपकी नज़र वहां के हरे भरे बगीचे पर पड़ती है। वहां मौजूद माली चुपचाप पेड़ पौधों को पानी देने का काम कर रहा है। थोड़ी ही देर बाद एक गाड़ी आती है और बगीचे के नीचे मौजूद अंडरग्राउंड टैंक में पानी को खाली कर देती है। अब याद कीजिए टीवी पर दिखाए जा रहे उन दृश्यों को जिसमें पानी की किल्लत झेल रहे लातूर में ही लोग कुएं से पानी निकालने के लिए मशक्कत करते दिख रहे हैं। सूखाग्रस्त मराठवाड़ा क्षेत्र के लातूर में जहां एक और पानी की एक एक बूंद कीमती है, वहीं शहर में मौजूद शादी के लॉन और होटल के हर भरे बागान कुछ और ही नज़ारा पेश कर रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता अमोल गोवांडे कहते हैं ‘यह शर्म और असंवेदनशीलता की बात है। आपके पास पैसा है तो आपको पानी मिल जाता है। यहां इस तरह काम होता है। और ऐसे कई हरे भरे बगीचे हैं। तो क्या इसे ही लोग ‘इमरजेंसी’ बता रहे हैं? और यह ठीक कलेक्टर के दफ्तर के सामने हो रहा है।’
पानी के गैर जरूरी इस्तेमाल पर रोक
ग्रैंड होटल का दावा है कि वह प्रयोग किए गए पानी का दोबारा इस्तेमाल कर रहे हैं। होटल के मैनेजर जुड मोनटियरो का कहना है ‘हमें प्रोपर्टी की देखरेख के लिए हर दिन चार पानी के टैंकर चाहिए होते हैं। पानी को बगीचों में सीधे तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाता। यह सीवेज का पानी है जिसे रिसाइकल किया गया है।’ जिला प्रशासन के मुताबिक पानी के गैर जरूरी इस्तेमाल को फिलहाल टालने के लिए परामर्श जारी कर दिए गए हैं। कलेक्टर पांडुरंग पोल का कहना है ‘पानी को इस वक्त सिर्फ जरूरी चीज़ों के लिए ही इस्तेमाल किया जाए। बगीचों की हरियाली फिलहाल इंतजार कर सकती है।’
बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने पानी की कमी की वजह से आईपीएल के 13 मैचों को महाराष्ट्र के बाहर स्थानांतरित करने का फैसला सुनाया। इसके साथ ही कोर्ट ने यह सवाल भी किया की क्या ऐसी संकट की घड़ी में शादी या बड़े उत्सवों के दौरान पानी के बेजा इस्तेमाल की अनुमति दी जा सकती है। बता दें की सूखे की बुरी मार झेल रहा लातूर इस वक्त विशेष पानी ट्रेनों के भरोसे है – 10 लाख लीटर पानी अभी तक लातूर तक पहुंचा दिया गया है। पचास डिब्बे वाली दूसरी ट्रेन के अगले हफ्ते की शुरूआत तक आने की उम्मीद है।