सूर्यदेव की पूजा में इन 5 मंत्रों का पाठ देगा शांति और समृद्धि
पहला मंत्र
ऊं आकृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यण्च, हिरण्य़येन सविता रथेन देवो याति भुवनानि पश्यन
इस मंत्र का पाठ करने से दुष्प्रवृत्ियां आपसे दूर भागेंगी और आप में सकारात्मकता बढ़ेगी। इससे मानसिक शांति प्राप्त होगी।
दूसरा मंत्र
ऊं घृणि: सूर्यादित्योम, ऊं घृणि: सूर्य आदित्य श्री, ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय: नम:, ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय नम:
इस मंत्र का जाप आत्मविश्वास में वृद्धि करता है और आप को चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रेरित करता है।
तीसरा मंत्र
ऊं घृणि सूर्याय नम:
ये मंत्र आप में विनम्रता के साथ दृढ़ता भी पैदा करता है। इसके चलते आप सही फैसले ले पाते हैं।
चौथा मंत्र
ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात
इससे आप को ज्ञान प्राप्त करने की प्रेणना मिलती है। बुद्धि के विकास से आप सही मार्ग पर आगे बढ़ने में सक्षम होते हैं।
पांचवा मंत्र – ऊं ह्रां ह्रीं सः सूर्याय नमः
इस मंत्र का जाप करने से हृदय रोग, नेत्र व पीलिया रोग और कुष्ठ रोग जैसे अनेक असाध्य रोगों का नाश हो सकता है। इससे आप पूरी ऊर्जा से काम कर सकते हैं और समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं।