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‘स्टार्ट अप इंडिया’ लाइसेंस राज को खत्म करने की ओर अंतिम कदम है : अरुण जेटली

650x400_635885357654904362नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार सुबह स्टार्ट अप इंडिया अभियान की शुरुआत कर दी है। जेटली ने उद्घाटन भाषण दिया। ‘स्टार्ट अप मूवमेंट’ के तहत ज़मीनी स्तर पर उद्यमों और युवा उद्यमियों को बढ़ावा देने पर जोर दिए जाने की बात कही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम को इस अभियान की विधिवत शुरुआत करेंगे।

अरुण जेटली ने कहा, सरकार अगले महीने बजट में एक अनुकूल कर प्रणाली की घोषणा करेगी, जिससे देश में स्टार्ट अप स्थापित करने को प्रोत्साहन मिलेगा।

उन्होंने नई दिल्ली में ‘स्टार्ट अप इंडिया’ सम्मेलन में कहा, ‘हमने उद्यमी अनुकूल कराधान प्रणाली पर काम किया है। कुछ ऐसी पहलें हैं जो अधिसूचना जारी कर शुरू की जा सकती हैं। कुछ और पहलें हैं जिन्हें आगे बढ़ाया जाएगा। अन्य के लिए विधायी प्रावधानों की जरूरत है जो सिर्फ वित्त विधेयक के अंग के तौर पर भी आ सकता, जबकि बजट पेश किया जाएगा ताकि स्टार्ट अप इकाइयों के लिए अनुकूल कराधान प्रणाली तैयार की जा सके।’

उन्होंने कहा कि स्टार्टअप इकाइयों के प्रोत्साहन की जरूरत को पहचानते हुए पिछले साल बजट में एक कोष का सुझाव दिया गया था। जेटली ने स्टार्ट अप इकाइयों को आश्वस्त किया कि बैंकिंग प्रणाली और सरकार दोनों ही उनके लिए संसाधन उपलब्ध कराएंगे।

स्टैंड अप योजना भी होगी पेश
स्टार्टअप के अलावा वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना पेश करेगी, जिसके तहत बैंकों की शाखाएं अनुसूचित जाति-जनजाति एवं महिला उद्यमियों को ऋण देंगी। उन्होंने कहा, ‘स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘स्टैंड अप इंडिया’ योजना की घोषणा की थी। स्टैंडअप इंडिया को अलग से पेश किया जाएगा। यह एक कार्यक्रम जिसके तहत महिला उद्यमियों और अनुसूचित जाति-जनजाति के उद्यमियों के लिए बैंकों के ऋण दिए जाने का प्रावधान किया गया है। इन खंडों से उद्यमी निकल कर नहीं आ रहे थे।’

उन्होंने कहा, ‘हर बैंक की शाखा, सार्वजनिक क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र अनुसूचित जाति-जनजाति खंड की एक और महिला वर्ग की एक स्टार्ट अप इकाई को अपनाएगी। इसलिए वे दो ऐसे उद्यमियों को अपनाएंगे और उन्हें प्रतिष्ठान स्थापित करने के लिए कोष देंगे।’ उन्होंने कहा कि इस खंड के कारोबारी या विनिर्माण प्रतिष्ठानों के वित्तपोषण से अगले दो साल में 3,00,000 से अधिक नए उद्यमी तैयार होंगे।

21वीं सदी भारत की : सॉफ्टबैंक
सॉफ्टबैंक के मुख्य कार्यकारी मासायोशी सोन ने कहा कि वे भारतीय कंपनियों में दो अरब डॉलर का निवेश कर चुके हैं, और अब निवेश को बढ़ाकर 10 अरब डॉलर किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘भारत आर्थिक गति के लिहाज से अगले 10 साल में चीन से आगे रहेगा, 21वीं सदी भारत की है। हर बाजार अलग है, मुझे वाकई लगता है कि यह भारत के लिए बहुत बड़ी शुरुआत है।’ सॉफ्टबैंक ने कहा कि मोबाइल इंटरनेट भी भारत में बहुत धीमा है, बेहतर मोबाइल ब्राडबैंड के लिए ज्यादा स्पेक्ट्रम आवंटन की जरूरत है।

राष्ट्रपति बोले देर से हुई पहल
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी इस पहल का स्वागत करने के साथ ही कहा कि यह बहुत पहले ही होना चाहिए था। राष्ट्रपति ने तो यहां तक कहा कि इस देरी के लिए मैं भी जिम्मेदार हूं क्योंकि मैं काफी समय तक प्रशासन में रहा हूं।

स्टार्ट अप इंडिया में जेटली के उद्घाटन भाषण के कुछ अंश…

  • आज का दिन काफी महत्वपूर्ण हैं।
  • स्टार्ट अप इंडिया से काफी बदलाव आएंगे।
  • भारत ने 1991 में लाइसेंस राज खत्म करने के बाद एक बड़ा कदम उठाया है।
  • दुनियाभर की अर्थव्यवस्थाओं में मंदी आई है।
  • दुनियाभर में आई दिक्कतों के बावजूद भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
  • सरकार के पास नौकरियां पैदा करने की न्यूनतम क्षमता है।
  • आईटी सेक्टर आज फल-फूल रहा है, क्योंकि सरकार ने इसमें हस्तक्षेप नहीं किया।
  • स्टार्ट अप को बढ़ावा देने का विचार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है।
  • सरकार, आरबीआई अगले कुछ महीने में बैंकों की ऋण प्रदान करने की क्षमता में इजाफा करेगी
  • स्टार्ट अप अनुकूल कराधान संबंधी पहलों की घोषणा आगामी बजट में की जाएगी
  • स्टार्टअप के लिए जो प्रणाली तैयार की जा रही है वह लाइसेंस राज से बिल्कुल अलग होगी

 

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