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स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर के बिना भी ऑस्ट्रेलिया जीत की दावेदार

सिडनी : क्रिकेट उपकप्तान अजिंक्य रहाणे मानते हैं कि भले ही इस सीरीज में ऑस्ट्रेलियाई टीम स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर के बगैर खेल रही हो, लेकिन इसके बावजूद भी वही सीरीज जीत की मजबूत दावेदार है। रहाणे ने कहा कंगारू टीम अपनी मजबूत बोलिंग के चलते इस सीरीज की फेवरिट टीम है। हालांकि क्रिकेट के कई पंडित ऐसा मान रहे हैं कि इस बार टीम इंडिया यहां सीरीज जीत कर 70 साल का सूखा खत्म कर सकती है। ऑस्ट्रेलियाई टीम स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर के बगैर यह सीरीज खेलेगी। इन दोनों खिलाड़ियों को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने एक साल के लिए बैन कर रखा है। ये खिलाड़ी मार्च में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट में बॉल टैंपरिंग में फंसे थे। इसके बाद इन बैन लगा दिया गया। अजिंक्य रहाणे ने प्रतिद्वंद्वी टीम की तारीफ करते हुए कहा, मैं मानता हूं जो भी टीम अपने घर पर खेलती है वह अच्छा महसूस करती है और मैं मानता हूं ऑस्ट्रेलिया अभी भी इस सीरीज को जीतने के लिए फेवरिट है। हम उन्हें बिल्कुल भी हल्के में नहीं लेने जा रहे। हां यह जरूर है कि वे स्टीव स्मिथ और वॉर्नर की कमी जरूर महसूस करेंगे लेकिन ऐसा कतई नहीं है कि यह टीम इन दोनों के बिना कमजोर हो गई है। टीम इंडिया गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया में 4 टेस्ट की सीरीज का आगाज करेगी। यह 12वां मौका होगा, जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज खेलेगी। अभी तक टीम इंडिया एक भी बार यहां सीरीज नहीं जीत पाई है। लेकिन इस बार स्मिथ-वॉर्नर की गैर-मौजूदगी की चलते कंगारू टीम कमजोर दिख रही है। इसके अलावा भारतीय टीम भी पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है और टेस्ट रैंकिंग में वह पहले पायदान पर काबिज है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार टीम इंडिया यहां अपनी पहली सीरीज जीतेगी। भारतीय टीम लाला अमरनाथ के नेतृत्व में पहली बार ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गई थी। भारतीय टीम यहां 5 टेस्ट मैच की सीरीज 4-0 से हार गई। एक मैच भारत ड्रॉ कराने में कामयाब रहा था, जबकि टीम टेस्ट मैच उसने पारी और रनों के अंतर से गंवाए। 20 साल बाद जब भारत दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया, तो इस बार चंदू बोर्डे के हाथ में टीम की कमान थी। 4 टेस्ट मैच की यह सीरीज भारत ने 4-0 से गंवाई।

सीरीज में सबसे बड़ी हार उसे मेलबर्न में मिली यहां टीम इंडिया पारी और 4 रन के अंतर से हारी थी। इस दौरे पर टीम इंडिया दिग्गज क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी की कप्तानी में यहां गई थी। भारीय टीम ने यहां 5 टेस्ट की सीरीज खेली। ब्रिसबेन और पर्थ में सीरीज के पहले 2 टेस्ट हारने के बाद भारत ने जबरदस्त वापसी की और कंगारुओं को मेलबर्न और सिडनी टेस्ट में बड़े अंतर से हराया। भारत ने तीसरा टेस्ट मैच 222 रन के अंतर से जीता, वहीं चौथे टेस्ट मैच में भारत ने पारी और 2 रन से जीत अपने नाम की। सीरीज बराबरी पर थी और टीम इंडिया लय में लेकिन एडिलेड में खेले गए सीरीज के निर्णायक टेस्ट टीम इंडिया 47 रन से हार गई। टीम इंडिया चौथी पारी में 493 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी थी। भारतीय टीम 445 रन बनाकर ऑल आउट हुई। 1980-81 में टीम इंडिया सुनील गावसकर की कप्तानी में यहां टेस्ट सीरीज खेलने गई। दोनों टीमों ने 3 टेस्ट मैच की सीरीज में 1-1 मैच जीता और एक टेस्ट ड्रॉ खेला। सीरीज बराबरी पर रही। इसी तरह 5 साल बाद टीम इंडिया कपिल देव की कप्तानी में उतरी तो इस बार भी 3 टेस्ट की सीरीज में तीनों टेस्ट ड्रॉ रहे और सीरीज 0-0 की बराबरी पर खत्म हुई। इस बार मोहम्मद अजहरूद्दीन की कप्तानी में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया रवाना हुई। 5 टेस्ट की यह सीरीज टीम इंडिया 4-0 से हार गई। इस सीरीज में टीम इंडिया सिर्फ सिडनी में ही ड्रॉ खेल सकी अन्य 4 टेस्ट में उसे हार का ही मुंह देखना पड़ा। इस दौरे पर भारत को पर्थ में सबसे बुरी हार मिली, जहां वह 300 रन से मैच हारी। टीम इंडिया की कमान इस बार महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर के हाथ में थी। इस सीरीज में भारत ने तीनों ही टेस्ट मैच गंवा दिए। 

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