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स्वच्छता सर्वेक्षण 2019: इंदौर तीसरी बार देश का सबसे स्वच्छ शहर

भारत सरकार ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के आधार पर देश के सबसे स्वच्छ और साफ शहरों के नाम का एलान बुधवार को राष्ट्रपति भवन में किया। सबसे स्वच्छ शहर का खिताब एक बार फिर इंदौर के नाम रहा और भोपाल सबसे स्वच्छ राजधानी वर्ग में पहले स्थान पर रहा। वहीं इस सर्वे में छत्तीसगढ़ को बेस्ट परफॉर्मेंस स्टेट अवार्ड से नवाजा गया है। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में अहमदाबाद और पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों में उज्जैन पहले स्थान पर रहे।

छत्तीसगढ़ के नगरीय निकाय मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से यह पुरस्कार प्राप्त किया। छत्तीसगढ़ में स्वच्छता की दिशा में सबसे तेज व संयोजित तरीके से काम किए जाने को लेकर राज्य को बेस्ट परफॉर्मेंस स्टेट अवार्ड दिया गया है।

बेस्ट परफॉर्मेंस स्टेट अवार्ड के अलावा छत्तीसगढ़ के विभिन्न नगरीय निकायों को अलग अलग वर्गों में भी स्थान मिला है। नगर निगम रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे ने इसे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात बताया है।

बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 पुरस्कारों के लिए किए गए सर्वे में दिल्ली से आई टीम ने राज्य में लंबा वक्त बीताया। टीम ने हफ्ते भर से ज्यादा समय तक अलग-अलग क्षेत्रों में सर्वेक्षण किया। शहरी विकास मंत्रालय ने देश के अलग अलग राज्यों के 4,237 शहरों में सर्वे किया। इसके बाद अलग-अलग कैटेगरी में रैंकिंग जारी की गई है।

शहरों को सात वर्गों में दिया गया पुरस्कार

सबसे स्वच्छ शहर : इंदौर

सबसे स्वच्छ राजधानी : भोपाल

सबसे स्वच्छ बड़ा शहर : अहमदाबाद (10 लाख से ज्यादा आबादी वाला)

सबसे स्वच्छ मध्यम आबादी वाला शहर : उज्जैन (3 -10 लाख की आबादी)

सबसे स्वच्छ छोटा शहर : एनडीएमसी दिल्ली (3 लाख से कम आबादी)

सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट : दिल्ली कैंट

सबसे स्वच्छ गंगा टाउन : गौचर, उत्तराखंड

इंदौर ने इसलिए लगातार तीसरी बार मारी बाजी 

– देश का पहला ऐसा शहर है जहां लाखों लोगों की मौजूदगी में दो जीरो वेस्ट आयोजन हुए।

– देश का पहले डिस्पोजल फ्री मार्केट है जिसमें हाल ही में 56 दुकान क्षेत्र को शामिल किया है।

– देश का पहला ऐसा शहर है जिसने ट्रेंचिंग ग्राउंड को पूरी तरह खत्म कर वहां नए प्रयोग शुरू किए।

– 29 हजार से अधिक घरों में गीले कचरे से होम कम्पोस्टिंग का काम।

– कचरा गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस, कंट्रोल रूम और 19 जोन की अलग-अलग 19 स्क्रीन।

– 100 फीसदी कचरे की प्रोसेसिंग और बिल्डिंग मटेरियल और व्यर्थ निर्माण सामग्री को जमा कर निस्तारण किया गया।

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