स्वर्ग की उर्वशी ने क्यों पति को निर्वस्त्र देख किया था अपने पति का त्याग
अक्सर पौराणिक कथाओं में अप्सराओं का जिक्र होता है। माना जाता है कि अप्सराएँ स्वर्ग में रहने वाली सुंदरियां होती है। जो नृत्य संगीत में निपुण होती है और खूबसूरती में उनका मुकाबला कोई नही कर सकता। ऐसी कुछ अप्सराओं का जिक्र आपने कई बार कहानियों में सुना होगा । जैसे मैनका, उर्वशी, मोहिनी। इन अप्सराओं ने समय -समय पर अपनी खूबसूरती के जरिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । मैनका ने विश्वामित्र का श्राप भंग किया था और मोहिनी भगवान विष्णु का अवतार थी जो राक्षसों से अमृत लेकर आई थी । वही अगर बात करें स्वर्ग की उर्वशी की तो माना जाता है कि उर्वशी भगवान विष्णु की जांघ से जन्मी थी. उर्वशी स्वर्ग की सबसे सुंदर अप्सरा थी। उर्वशी की वजह से स्वर्ग में रौनक लगी रहती थी। लेकिन उर्वशी स्वर्ग की जिंदगी से उब चुकी थी।
स्वर्ग की उर्वशी ने कुछ वक्त धरती पर रहने की सोची । और उर्वशी धरती पर रहने के लिए आ गई। कुछ वक्त धरती पर रहने के बाद जब उर्वशी स्वर्ग वापस लौटने लगी तो उर्वशी पर राक्षसों की नजर पङी वो उसे अपने साथ पाताल लोक ले जाना चाहते थे। उस वक्त राजा पुरुरवा ने उर्वशी को राक्षसों से बचाया । राजा पुरुरवा चंद्रवशी राजा थे उनके माता पिता का नाम ईला और बुध था। राक्षसों से बचाते वक्त राजा पुरुरवा का हाथ उर्वशी के शरीर को टच कर गया। ऐसा पहली बार था जब उर्वशी को किसी आदमी ने स्पर्श किया था । राक्षसों से बचने के बाद स्वर्ग की उर्वशी ने कुछ वक्त दोबारा धरती पर रहने का सोचा।
इस दौरान उर्वशी ने एक नाटक में भाग लिया जिसमें उर्वशी ने माता लक्ष्मी का किरदार निभाया लेकिन नाटक के दौरान उर्वशी ने माता लक्ष्मी के पति भगवान विष्णु की जगह राजा पुरुरवा का नाम ले लिया। जिसे क्रोध में आकर ऋषि भरत मुनि ने उर्वशी को धरती पर एक आम महिला की जिंदगी जीने का श्राप दे दिया। लेकिन उर्वशी को इस श्राप से कोई फर्क नहीं पङा। क्योंकि वो अपना दिल राजा पुरुरवा को दे चुकी थी। राजा पुरुरवा भी उर्वशी को चाहने लगे थे उन्होंने उर्वशी के आगे शादी का प्रस्ताव रखा।
लेकिन उर्वशी ने राजा पुरुरवा के सामने तीन शर्ते रखी । उर्वशी के पास दो बकरियां थी जिसकी रक्षा राजा पुरुरवा को हमेशा करनी होगी। औल इसके बाद उर्वशी ने राजा पुरुरवा से कहा कि उन्हे हमेशा घी का सेवन करना होगा। और वो दोनो शारीरिक संबंध के समय के अलावा कभी एक दूसरे को नि र्वस्त्र नही देखेंगे । राजा ने सारी शर्ते मान ली और उर्वशी से शादी कर ली। इस बीच उर्वशी और राजा पुरुरवा के नौ बच्चे हुए।
लेकिन उर्वशी और राजा पुरुरवा के विवाह से देव खुश नही थे। वो उर्वशी को वापस स्वर्गलोक लेकर आना चाहते थे। उन्होंने एक साजिश रची। एक बार रात में जब उर्वशी और राजा पुरुरवा अपना संबंध बना रहे थे। उस वक्त देवो ने उर्वशी की बकरियां चुराने की कोशिश की। उर्वशी ने बकरियों की आवाज सुनकर पुरुरवा को बकरियों को बचाने को कहा। पुरुरवा बिना वस्त्र पहने बकरियों को बचाने चले गए। उर्वशी भी उनके पीछे गई। बकरियों को तो राजा ने बचा लिया। पर उसी वक्त देवलोक से गंधर्वों ने रोशनी कर दी जिसे उर्वशी ने राजा को नग्न अवस्था में देख लिया। देवो के छल के कारण स्वर्ग की उर्वशी ने राजा पुरुरवा को बिना वस्त्र के देख लिया। जिस वजह से उसी वक्त उर्वशी को र्स्वगलोक लौटना पङा और अपने प्रेम से बिछङना पङा।