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स्वास्थ्य भवन में साजिशन लगाई गई थी आग:अहमद हसन

f1लखनऊ। स्वास्थ्य भवन में कुछ दिनों पहले लगी भीषण आग पर यूपी के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन के बयान से फिर एक बार एनआरएचएम घोटाले की चिंगारी भड़क उठी है। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री ने यह कह कर सनसनी मचा दी कि स्वास्थ्य भवन में लगी आग कोई हादसा नहीं था बल्कि यह आग कुछ लोगों के कहने पर लगाई गई थी। इस बात का खुलासा एसटीएफ ने अपनी जांच रिपोर्ट में किया है। बता दें कि स्वास्थ्य भवन में आग का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया था। स्वास्थ्य निदेशक के कार्यालय में लगी इस आग में एनआरएचएम घोटाले से जुड़ी कई फाइलें जलकर राख हो गईं थीं, जिनपर अभी जांच चल रही थी।
स्वास्थ्यमंत्री ने बताया कि अग्निकांड की जांच के बाद एसटीएफ ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। जिसमें यह बताया गया है कि यह आग कोई हादसा नहीं था बल्कि इसे लगाया गया था। आग लगाने वालों के खिलाफ भी कई पुख्ता सुबुत जुटाए गए हैं। इस साजिश में विभाग के 14 बाबू और छह डॉक्टर शामिल हैं। इन लोगों का निलंबन कर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। एसटीएफ आरोपियों को गिरफ्तार कर कड़ी पूछताछ करेगी।
यूपी में एनआरएचएम के सबसे बड़े घोटाले का जिन्न एक बार फिर बाहर आ गया है। अरबों रुपए के इस घोटाले में कोर्ट की सख्ती के बाद जांच हुई तो कई बड़े सफोदफोश नेताओं, शासन के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी समेत सैकड़ों डॉक्टर संदेह के घेरे में आए थे। दोष पाए जाने पर घोटाले में शामिल कई सलाखों के पीछे हैं। कई के खिलाफ अब भी जांचें चल रही हैं। इस मामले में प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रदीप शुक्ला तो घोटाले के वक्त महकमे के सर्वेसवा थे। उन्हें काफी वक्त जेल में काटना पड़ा था। हालांकि फिलवक्त वह अपनी पहुंच के बूते और सरकार की मेहरबानी पर जेल से तो बाहर हैं ही सरकार ने उनकी तैनाती भी कर दी है।

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