स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप, नीतीश को नहीं मानते हैं सरकार का मुखिया !
एजेन्सी/ सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में 10 विभागों से संबंधित विभागों की समस्याओं का समाधान किया गया. इस कार्यक्रम में सभी विभागों के मंत्री शामिल हुए लेकिन स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव जनता दरबार में नहीं पहुंचे. उनकी जगह पर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आर के महाजन पहुंचे.
मीडिया के सवाल पूछने पर प्रधान सचिव महाजन ने कहा कि व्यस्तता के कारण स्वास्थ्य मंत्री जनता दरबार में शामिल नहीं हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्री के जनता दरबार में शिरकत नहीं करने पर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई है.
इससे पहले भी 26 मार्च को राजधानी पटना के आईजीआईएमएस स्थित किडनी ट्रांसप्लांट सेंटर के उदघाटन से ठीक पहले सूबे के स्वास्थय मंत्री तेजप्रताप यादव बीमार पड़ गये थे. सीएम नीतीश कुमार के साथ तेजप्रताप को इस सेंटर का उदघाटन करना था.
उद्घाटन को लेकर तैयारियां भी कर ली गई थीं, लेकिन ऐन वक्त पर आयोजकों ने कार्यक्रम के स्थगन की सूचना दी. तब विभाग के तरफ से कहा गया था कि स्वास्थ्य मंत्री की तबीयत अचानक से बिगड़ गई है जिस कारण कार्यक्रम को स्थगित किया गया है.
इसके अलावा विधानमंडल सत्र के दौरान पर स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव की गैरहाजरी पर विपक्ष कई बार सवाल खड़े कर चुका है. भाजपा विधानमंडल दल के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने तो स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने की मांग कर दी थी.
मोदी ने कहा था कि स्वास्थ्य मंत्री का लगातार अनुपस्थिति सदन का अपमान है. एक महीने से अधिक के सत्र में वह दो या तीन दिन ही कुछ घंटों के लिए सदन में आए. खास बात यह है कि विपक्ष की निंदा के बावजूद स्वास्थ मंत्री सत्र के दौरान ही शिरडी चले गए थे और उनके लौटने तक सदन का सत्रावसान हो चुका था.
इसके पहले भी सरकारी विज्ञापन में केवल डिप्टी सीएम की तस्वीर (मुख्यमंत्री की तस्वीर नहीं लगाने) को लेकर विवाद हो चुका है.