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सड़कों पर यातायात नियंत्रित करना अत्यन्त आवश्यक: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने उ0प्र0 राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता की
लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़कों पर यातायात को नियंत्रित करना अत्यन्त आवश्यक है। यात्रियों का अपने गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए ताकि हादसों पर लगाम लग सके और मार्ग दुर्घटनाओं में कमी आए। इसके लिए एक कार्ययोजना बनाकर समन्वित ढंग से उसे लागू करना होगा। उन्होंने कहा कि जीवन अनमोल है। ऐसे में मार्ग दुर्घटना में जनहानि न हो, यह प्रयास किए जाने चाहिए। मुख्यमंत्री जी आज यहां शास्त्री भवन में आयोजित उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने टैªफिक को रेगुलराइज़ करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि ऐसा करने से दुर्घटनाओं की संख्या में कमी होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजमार्गों और एक्सप्रेस-वेज़ पर रात्रिकालीन गश्त की चाक-चैबन्द व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि इन पर मार्ग दुर्घटना होने की दशा में घायलों को तत्काल सहायता मिल सके। साथ ही, लूटपाट की घटनाओं को भी रोका जा सके। उन्होंने ‘ड्रंकेन ड्राइविंग’ तथा ‘बाइकर्स गैंग’ पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। ऐसे लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाए, जो वाहन चलाते समय कानों में ‘ईयर फोन’ लगाते हैं। उन्होंने कहा कि वाहनों की लगातार चेकिंग की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि दोपहिया वाहन चालक हेलमेट लगाएं और चैपहिया वाहन चालक सीट बेल्ट अवश्य लगाएं। उन्होंने वाहनों में लगायी जाने वाली ब्लैक फिल्म को भी हटाने के निर्देश दिए।
योगी ने राजमार्गों पर जगह-जगह सड़क के किनारे खड़े किए जा रहे ट्रकों पर भी प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे ट्रक या भारी वाहन अक्सर दुर्घटना का कारण बनते हैं। उन्होंने एक्सप्रेस-वेज़ पर प्रभावी मार्ग प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यातायात नियमों और फस्र्ट ऐड के सम्बन्ध में जानकारी स्कूल/काॅलेज स्तर के पाठ्यक्रमों में सम्मिलित करने के भी निर्देश दिए। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को प्रमुख सचिव परिवहन ने परिषद के महत्वपूर्ण कार्यों से अवगत कराते हुए बताया कि इसका गठन राजमार्गों/अन्य महत्वपूर्ण मार्गों के डिजाइन/निर्माण हेतु सड़क सुरक्षा के न्यूनतम मापदण्डों के समावेश हेतु सुझाव देने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि परिषद प्रदेश में वाहन चालकों के कौशल विकास एवं लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को सुदृढ़ करने हेतु ड्राइविंग ट्रेनिंग इन्स्टीट्यूट एवं ड्राइविंग ट्रैक के निर्माण और इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहन देने का भी कार्य करती है।
बैठक में मुख्यमंत्री को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सड़क सुरक्षा माॅनीटरिंग हेतु गठित समिति आॅन रोड सेफ्टी के कार्यकलापों के विषय में भी जानकारी दी गई। उन्हें ‘गुड सैमेरिटन’ के विषय में भी बताया गया। बैठक के दौरान सड़क सुरक्षा हेतु भावी कार्ययोजना/प्रस्ताव पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि सभी जिलों में आॅटोमैटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा मण्डलीय मुख्यालयों में वाहन इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन सेण्टर्स की भी स्थापना की जाएगी। दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों (ब्लैक स्पाॅट्स) का चिन्हांकन कर उनका निराकरण किया जाएगा। एक्सप्रेस-वे, नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे पर पर्याप्त संख्या में ट्राॅमा सेण्टर की स्थापना की जाएगी तथा मौजूदा ट्राॅमा सेण्टरों को अपगे्रड किया जाएगा। इसके अलावा सड़क सुरक्षा में जन सहभागिता को बढ़ाने हेतु जागरूकता कार्यक्रम का नियमित आयोजन किया जाएगा। बैठक के दौरान परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री स्वतंत्रदेव सिंह, बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती अनुपमा जैसवाल, मुख्य सचिव श्री राहुल भटनागर तथा सूचना, गृह, वित्त, नियोजन, न्याय, लोक निर्माण, चिकित्सा स्वास्थ्य, नगर विकास, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव/सचिव, पुलिस महानिदेशक, निदेशक यातायात तथा परिषद के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

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