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‘हंजर’ पर करोड़ों बकाया फिर भी मनपा मेहरबान
नागपुुर.स्वच्छ शहरों की सूची में नागपुर का नाम पिछड़ने का मुद्दा सोमवार को टाउन हाल में आयोजित मनपा की आम सभा में गूंजा। सभा की एकमात्र निर्दलीय नेत्री आभा पांडे ने मनपा ने घनकचरा प्रसंस्करण करनेवाली ‘हंजर’ कंपनी पर बरती जानेवाली मेहरबानियों को लेकर आक्रामक भूमिका निभाई।
– स्वच्छ शहरों की सूची में पिछड़ने की घटना को इससे जोड़ने पर सत्ता पक्ष भी बचाव की मुद्रा में आता दिखाई दिया। चर्चा गर्माने पर महापौर नंदा जिचकार ने आखिरकार सभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का आदेश दिया।
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मनपा की कार्यप्रणाली पर सवाल
-सदन में आभा पांडे ने मनपा की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए। उन्होेंने कहा कि 15 अप्रैल 2009 को हंजर कम्पनी को वर्कऑर्डर दिया गया था।
– करारनामे के अनुसार कम्पनी को हर साल 600 मीट्रिक टन घनकचरा प्रसंस्करण कर देना तय किया गया था।
– इसी करारनामे में इस काम के लिए खर्च होनेवाली बिजली, पानी मशीनों के व्यवस्थापन आदि का खर्च भी कम्पनी को ही वहन करना था।
– 600 मीट्रिक टन प्रतिदिन घनकचरा प्रसंस्करण के अलावा पुराने घनकचरे को 200 मीट्रिक टन प्रतिदिन की दर से प्रसंस्करण करने की भी शर्त रखी गई थी, लेकिन इन सारी शर्तों पर कम्पनी खरी नहीं उतर पाई।
– हर दिन करीब 400 मीट्रिक टन घनकचरा भांडेवाड़ी डम्पिंग यार्ड में जमा होता रहा। इसी नियोजन के आभाव में नागपुर का प्रदर्शन स्वच्छ शहरों की दौड़ में सबसे कमजोर रहा।
जुर्माना वसूला जाना था
– इस अव्यवस्था के चलते 7 जून 2014 को कम्पनी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें 50 हजार रुपए प्रतिदिन की दर से व्यवस्था नहीं सुधरने पर जुर्माना वसूलने के साथ करारनामा रद्द करने के भी आदेश दिए थे।
– इस लिहाज से करीब 5.40 करोड़ रुपए कम्पनी से जुर्माने के तौर पर वसूला जाना था, लेकिन मनपा ने हर्जाने के रूप में कम्पनी को केवल 1.64 करोड़ रुपए भरने के लिए कहा। कम्पनी ने हर्जाना तो भरा नहीं, उलटे मनपा ने कम्पनी के बिजली बिल के 67 हजार रुपए भर दिए।
– इसी तरह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) ने इन उलंघनों के चलते मनपा और हंजर कम्पनी प्रत्येक पर 20 लाख रुपए का जुर्माना ठोंका था।
– इस जुर्माने के खिलाफ हंजर सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर स्टे ऑर्डर ले आई, जबकि मनपा ने अपने हिस्से के 20 लाख रुपए भर दिए।
बचाव मुद्रा में सत्तापक्ष
– श्रीमति पांडे ने कहा कि मनपा हंजर कम्पनी के साथ नरमी क्यों बरत रही है, इसका जवाब भाजपा सरकार को देना चाहिए।
– कम्पनी को काम शुरू करने से पहले कम्पनी के सेटअप का कम्प्लिशन सर्टिफिकेट तक नहीं दिया गया था। बिना सर्टिफिकेट अधूरी तैयारियों के साथ मनपा ने हंजर को घनकचरा प्रबंधन का काम सौंप जनता की कमाई को बर्बाद किया है।
-इन सवालों के जवाब देने में सत्तापक्ष भी बचाव की मुद्रा में आ गया। सवालों का जबाव देने से पहले महापौर नंदा जिचकार ने सभा अनिश्चित काल के लिए भंग करने का आदेश दे डाला।