हनुमान जी ही दिला सकते हैं शनि के प्रकोप से मुक्ति,
त्रेतायुग के अंत में भगवान राम जब पृथ्वी से अपने निजधाम बैकुंठ जाने लगे उस समय उन्होने शंकर सुमन हनुमान जी को यह आदेश दिया था कि वह कलयुग के अंत तक पृथ्वी पर निवास करेंगे और भगवान के भक्तों को कष्टों से मुक्ति दिलाएंगे। विद्वान कहते हैं कि जहां कहीं भी राम कथा पाठ होता है वहां भगवान हनुमान कोई न कोई रूप रखकर कथा श्रवण करने आते हैं।
सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शनिवार दोनों ही हनुमान जी को अति प्रिय हैं, वह इसलिए कि मंगलवार हनुमान जी का जन्मदिन है और शनिवार उनकी माता अंजनी जी का जन्मदिन है। शनिवार शनि देव का भी वार माना जाता है।
इस दिन शनि देव से पीडि़त या यूं कहें कि जिन लोगों पर शनि महराज की महादशा चल रही होती उनके लिए हनुमान जी की आराधना बहुत ही लाभदायक होती है।
हम आज आपको हनुमान जी के कुछ सिद्ध मंत्र बता रहे हैं जिनका प्रयोग आप नियमित अपनी पूजा के समय भी कर सकते हैं और विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को अवश्य करें तो आप के जीवन में चमत्कारिक रूप से परिवर्तन होंगे।
ॐ हं हनुमंतये नम: मंत्र का जप करें।
हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् का रुद्राक्ष की माला से जप करें।
संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।
राम-राम नाम मंत्र का 108 बार जप करें।
हनुमान को नारियल, धूप, दीप, सिंदूर अर्पित करें।
राम रक्षा स्त्रोत, बजरंगबाण, हनुमान अष्टक का पाठ करें। हनुमान आरती, हनुमत स्तवन, राम वन्दना, राम स्तुति, संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करें।
परिवार सहित मंदिर में जाकर मंगलकारी सुंदरकांड पाठ करें। हनुमान को चमेली का तेल, सिंदूर का चोला चढ़ाएं।
गुड-चने और आटे से निर्मित प्रसाद वितरित करें। मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में जाकर रामभक्त हनुमान का गुणगान करें ।
मर्कटेश महोत्साह सर्वशोक विनाशन ।
शत्रून संहर मां रक्षा श्रियं दापय मे प्रभो।।