दस्तक टाइम्स/एजेंसी-हरियाणा:
पानीपत। पानीपत कोर्ट में रिकवरी मेमो न पेश कर पाना सब इंस्पेक्टर को भारी पड़ गया। सदर थाने में तैनात एसअाई को भरी अदालत में उठक-बैठक लगानी पड़ी। वाकया अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत का है। पेशी करीब एक साल पहले बाइक टक्कर से एक व्यक्ति की मौत के मामले में थी।
पुलिस ने मृतक की पत्नी रशीदा की शिकायत पर बाइक सवार के खिलाफ लापरवाही का केस दर्ज किया था। इस केस में एसआई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पहुंचे। न्यायाधीश के सामने एसआई ने जो दस्तावेज दिए, उसमें लिखा था कि टक्कर लगने के बाद बाइक की नंबर प्लेट टूटकर गिर गई। इससे बाइक की पहचान हुई। न्यायाधीश ने एसआई से रिकवरी मेमो मांगा, लेकिन उसने रिकवरी मेमो नहीं बनाया था। जज ने थाने से रजिस्टर मंगवाया। उसमें भी मौके से मिले सबूतों के बारे में कुछ नहीं लिखा था। उन्हें एसआई की लापरवाही पर गुस्सा आ गया। उन्होंने दो बार उठक-बैठक लगाने को कहा। घबराया एसआई कुछ देर तक उठक-बैठक लगाता रहा। वकील ने जब उसे टोका कि सजा पूरी हो गई तब उसने उठक-बैठक बंद किया।
क्या है रिकवरी मेमो और रजिस्टर-19
जब कोई घटना होती है तो घटना स्थल से पुलिस जो वस्तु बरामद करती है। उसे बताने के लिए रिकवरी मेमो तैयार किया जाता है। इससे सबूत के तौर पर अदालत में पेश किया जाता है। रजिस्टर संख्या-19 में घटना स्थल पर मिलने वाली वस्तु और असला की बरामदगी लिखी जाती है।
पानीपत। पानीपत कोर्ट में रिकवरी मेमो न पेश कर पाना सब इंस्पेक्टर को भारी पड़ गया। सदर थाने में तैनात एसअाई को भरी अदालत में उठक-बैठक लगानी पड़ी। वाकया अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत का है। पेशी करीब एक साल पहले बाइक टक्कर से एक व्यक्ति की मौत के मामले में थी।
जब कोई घटना होती है तो घटना स्थल से पुलिस जो वस्तु बरामद करती है। उसे बताने के लिए रिकवरी मेमो तैयार किया जाता है। इससे सबूत के तौर पर अदालत में पेश किया जाता है। रजिस्टर संख्या-19 में घटना स्थल पर मिलने वाली वस्तु और असला की बरामदगी लिखी जाती है।