उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आचार संहिता उल्लंघन पर दिए गए बयानों को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से जनता से क्षमा मांगने को कहा।
देहरादून: मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आचार संहिता उल्लंघन पर दिए गए बयानों को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट से जनता से क्षमा मांगने को कहा। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बताएं कि चुनाव आयोग के किस निर्देश से मुख्यमंत्री के रूप में उनके आपदा, वनाग्नि जैसे विषयों पर कार्य करने में रोक लगी है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट की ओर से मुख्यमंत्री हरीश रावत पर सचिवालय में जाकर शासकीय कार्य करने और विशेष फाइलों के निस्तारण का आरोप लगाया गया था।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान भाजपा की ओर से कांग्रेस पर हमले का सीएम ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भाजाप प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उनसे इस संबंध में स्पष्ट प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता चुनाव में जनता की ओर से नकारे जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की फजीहत का ठीकरा अपने सिर फूटने की आशंका के चलते ऐसे बयान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 31 मार्च को समाप्त हो रहे वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले उपयोगिता प्रमाणपत्र, केंद्र में लंबित विभिन्न परियोजनाओं के लिए धन की मांग की पैरवी करना मुख्यमंत्री के संवैधानिक दायित्व निर्वहन का ही हिस्सा है।
राज्य के हित में उपरोक्त मामलों में अधिकारियों को निर्देशित करना सामान्य कार्य की परिधि में आता है। इससे आचार संहिता का कोई उल्लंघन नहीं होता है। उन्होंने भाजपा नेताओं को आरोप प्रत्यारोप से बाहर आने की सलाह देते हुए केंद्र में विभिन्न योजनाओं की लंबित राशि को अवमुक्त कराने की सलाह दी है।