ज्ञान भंडार
हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को स्थानीय चुनाव में ‘नोटा’ ऑप्शन देने के निर्देश दिए
अहमदाबाद। गुजरात हाई कोर्ट ने आज राज्य चुनाव आयोग को अगले माह हो रहे स्थानीय निकाय चुनावों में वोटरों के लिए ‘इनमें से कोई नहीं’ यानी नोटा का विकल्प उपलब्ध कराने के आदेश दिए। आयोग ने गत 23 अक्टूबर को 22 और 29 नवंबर को दो चरणों में होने वाले इस चुनाव की घोषणा के समय जारी अधिसूचना में यह कहते हुए नोटा का विकल्प नहीं रखा था कि हाईकोर्ट ने ही पिछले दिनो अनिवार्य मतदान की व्यवस्था पर रोक लगा दी थी और नोटा भी उसका ही एक भाग है।
कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश जयंत पटेल तथा न्यायामूर्ति एन वी अंजारिया की खंडपीठ ने सामाजिक कार्यकर्ता तथा वरिष्ठ अधिवक्ता के आर कोष्टी की चुनावी अधिसूचना को संशोधित कर इसमें नोटा का विकल्प शामिल करने की अर्जी पर सुनवाई करते हुए आज इसे मंजूर कर लिया। कोष्टी ने अपनी दलील में उच्चतम न्यायालय के उस निर्देश का हवाला दिया था, जिसमें नोटा को सभी वोटरों के लिए लागू करने की बात कही गयी थी।
अदालत ने आयोग से नोटा को शामिल करते हुए संशोधित चुनावी अधिसूचना जारी करने तथा इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों में इस विकल्प को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। राज्य की छह महानगरपालिकाओं अहमदाबाद, वडोदरा, भावनगर, जामनगर, सूरत और राजकोट में चुनाव 22 नवंबर को पहले चरण में तथा दूसरे चरण में 29 नवंबर को 31 जिला पंचायतों, 56 नगरपालिकाओं और 230 तालुका पंचायतों में चुनाव होगा। मतगणना दो दिसंबर को होगी।