एजेंसी/ नई दिल्ली। गुजरात में पाटीदार आंदोलन का चेहरा बने हार्दिक पटेल के आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ने के कयास लगाए जा रहे थे। चर्चा हो रही थी कि वह आम आप के साथ जुड़ सकते हैं। इन कयासों को विराम देते हुए हार्दिक ने साफ कर दिया है कि वह किसी पार्टी में शामिल होने नहीं जा रहे हैं।
गौरतलब है कि राजद्रोह के आरोप में वह नौ महीने जेल में बंद रहने के बाद हार्दिक पटेल शुक्रवार को सूरत की लाजपोर जेल से रिहा हुए हैं। जेल से बाहर निकलते ही उन्होंने कहा था कि वह दिल्ली में जेएनयू जाकर कन्हैया कुमार से मिलेंगे और राष्ट्रद्रोह का मतलब समझने की कोशिश करेंगे।उन्होंने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि कन्हैया पर देशद्रोह का आरोप कैसे लगाया गया, जबकि इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पर ऐसा आरोप नहीं लगाया गया है।
हार्दिक से जब सवाल किया गया कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के दौरे के बाद उनकी रिहाई होने की चर्चा हो रही है, तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो इसका मतलब है न्याय व्यवस्था राजनेताओं के अनुसार चलती है।हार्दिक ने जेल से बाहर आते ही आरक्षण आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया किया था। हालांकि, उनके वकील दिलीप पटेल ने सूरत की जिला एवं सत्र अदालत में हलफनामा दाखिल कर बताया कि जमानत शर्त के मुताबिक हार्दिक गुजरात से बाहर छह महीने उदयपुर में रहेंगे।
उदयपुर में उनका पता 190, श्रीनाथ नगर, एयरपोर्ट रोड, उदयपुर होगा। गुजरात में पाटीदार समुदाय को ओबीसी के तहत आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हार्दिक पटेल 18 अक्टूबर, 2015 से जेल में बंद थे।राजद्रोह मामले में 8 जुलाई को हाई कोर्ट ने उन्हें गुजरात से बाहर छह महीने रहने की शर्त पर जमानत प्रदान किया था। बाद में विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ करने के मामले में भी पाटीदार नेता को जमानत मिल गई। इस प्रकार वह जेल से रिहा हो गए।
बाहर निकलने पर हार्दिक ने कहा कि न्याय मिला, लेकिन देर से। उनका कहना था कि नौ माह जेल में रहने के बाद भी मेरे तेवर पहले जैसे ही रहेंगे। मैं किसी के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं हूं। पीएम नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुझे 56 इंच का सीना नहीं बल्कि अपने पाटीदार भाइयों के लिए आरक्षण चाहिए।