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जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी नेताओं को पाकिस्तान की तरफ से आतंक फैलाने के लिए मिलने वाले फंड के मामले में एनआईए समेत अन्य खुफिया एजेंसियों की जांच तेज हो गई है। इस मामले में जांच एजेंसियों के निशाने पर श्रीनगर का बिजनेसमैन जहूर वताली भी आ गया है। जहूर का नाम अलगाववादियों को फंड देने वालों में टॉप पर है। खुफिया एजेंसियों ने जहूर जैसे अन्य व्यवसाईयों की भी जांच शुरू कर दी है, जो अलगाववादियों को फंडिंग करते हैं। इस मामले में 7 अलगाववादियों को पुलिस को एनआईए पहले ही हिरासत में ले चुकी है।
इंडिया टुडे के मुताबिक जहूर वताली अलगाववादियों को फंडिंग देने वालों में सबसे बड़ा नाम है। उसपर कार्रवाई होने से अलगाववादियों को मिलने वाले फंड पर बुरा असर पड़ेगा।
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शीर्ष खुफिया अधिकारी ने बताया कि जहूर श्रीनगर का व्यवसाई है और कश्मीरी अलगाववादियों को सबसे ज्यादा फंड देता है। वो कश्मीर के हाई-प्रोफाइल सोसाइटी से संबंध रखता है और सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों के साथ ही विपक्ष और अन्य राजनीतिक धड़ों में भी पकड़ रखता है। जहूर वताली श्रीनगर के पास के बागत बरजुल्ला का रहने वाला है।
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जहूर वताली का बिजनेस काफी बड़ा है, जो कश्मीर से लेकर यूएई और यूरोप तक फैला हुआ है। वो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार करने के साथ ही रियल इस्टेट का भी बड़ा खिलाड़ी है। पर इंटेलीजेंट अधिकारियों का कहना है कि उसकी कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकियों को फंडिंग का काम होता है।
जहूर के एफसीएनआरई बैंक खाते से हर माह 2-2.6 लाख रुपए जाते हैं। इसके अलावा उसके यूएई के आरएके बैंक के खाते में मार्च से दिसंबर 2011 के बीच 53 लाख 60 हजार रुपए भेजे गए। उसके खाते में श्रीनगर के एयर कार्गो ब्रांच स्थित जम्मू-कश्मीर बैंक की शाखा से पैसे डाले गए। ये खाते अलगाववादियों से जुड़े हुए हैं।