हौंसले की उड़ानः शरीर की ऐसी हालत, लिखी प्रेरणादायक किताब
नई दिल्ली। क्लाउडिओ वेरा डी ओलिवेरा के लिए दुनिया उल्टी है। दरअसल, जन्म से उनकी गर्दन पीछे की ओर उल्टी मुड़ी हुई है। इसलिए ओलिवेरा दुनिया को ऊपर से नीचे की ओर देखते हैं। हालांकि, इसी के कारण उन्होंने एक प्रेरणादायक ऑटोबायोग्राफी लिखी है।
उनका जन्म आर्थोग्रीपोसिस नाम की दुर्लभ बीमारी के साथ हुआ था। इसमें उनके ज्वॉइंट्स सही तरह से नहीं जुड़े थे, जिसके कारण उनका सिर पीछे की ओर लटक गया था। इसके कारण वह दुनिया को उल्टी तरह से देख पाते थे। इसके अलावा उनके शरीर के अंगों में गंभीर विकार भी थे।
रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों ने उनकी मां को बताया था कि उसे भूखे ही मर जाने दें। मगर, मां मारिया जोस वेइरा मार्टिन्स ने ओलिवेरा की देखभाल की और उन्हें जिंदा रखा। बाद के वर्षों में आेलिवेरा को हर दिन छोटी-छोटी जीत के लिए संघर्ष करना पड़ा। इसमें से सबसे अहम था शब्दों को टाइप करने के लिए मुंह से पेन को पकड़ना।
इसके साथ ही उन्होंने अपने होंठों से माउस को इस्तेमाल करना या फोन का इस्तेमाल करना भी सीखा। जहां अन्य लोग आशा छोड़ देते हैं, ब्राजील का यह जांबाज इंसान अकांटेंट बना और सार्वजनिक भाषणों के जरिये हजारों लोगों को प्रेरित भी किया।
अब ओलिवेरा ने अपनी पहली किताब ‘अल मुंडो ईस्टा ए कोंट्रामानो’ (द वर्ल्ड इज द रॉन्ग वे अराउंड) प्रकाशित की है। इसे हाल ही में साओ पोलो के आर्ट म्यूजियम में लॉन्च किया गया।
मार्टिना ने बताया कि हमने कभी भी उसे ठीक करने की कोशिश नहीं की। हम चाहते थे कि जैसे कोई दूसरा व्यक्ित काम करता है, ठीक वैसे ही वह भी उसे करे। यही वजह है कि आज ओलिवेरा इतना कॉन्फिडेंट है। उसे सड़क पर चलने पर कोई शर्मिंदगी नहीं महसूस होती है। वह गाता है, नाचता है।
ओलिवेरा का कहना है कि पूरी जिंदगी में मैं अपने शरीर को दुनिया के अनुसार ढ़ालने में सक्षम था। अब मैं खुद को एक अलग इंसान के रूप में नहीं देखता हूं।