मुम्बई : नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने आज कहा कि अदन की खाड़ी में जहाजों को सुरक्षा देने के लिए नेवी लगातार प्रयास कर रही है। दुनिया के लिए समस्या बन चुके समुद्री लुटेरों पर लगाम कसने के लिए कई ऑपरेशन चलाए गए। 10 साल में जहाजों में लूट की 44 कोशिशें नाकाम की गईं। इस दौरान 120 लुटेरे पकड़े गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए जंगी बेड़े में 56 युद्धपोत और पनडुब्बी शामिल करने की जरूरत है। लांबा ने बताया कि 2008 के बाद अदन की खाड़ी में गश्त के लिए नौसेना के 70 युद्धपोत लगाए गए। जिन्होंने 3440 से ज्यादा मालवाहक जहाजों को अदन की खाड़ी से गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाया। बीते 10 साल में इसके लिए करीब 25 हजार नौसैनिक तैनात किए गए। अदन की खाड़ी यमन और सोमालिया के बीच 1000 किलोमीटर क्षेत्र में फैली है। यहां जहाजों को लुटेरों से बचाने के लिए भारत, चीन और 32 देशों की कम्बाइंड नेवी फोर्स निगरानी करती है। नौसेना के जंगी जहाज आईएनएस त्रिशूल ने अक्टूबर 2017 में भारत के कार्गो शिप को लुटेरों से बचाया था। सऊदी अरब जा रहे जहाज एमवी जग अमर को अदन की खाड़ी में लुटेरों ने घेर लिया था। इसके बाद आईएनएस त्रिशूल पर सवार मार्कोस कमांडो ने ऑपरेशन चलाया। पिछले साल अप्रैल में भी सोमालियाई लुटेरों ने चीन के एक जहाज को अगवा किया था। भारत और चीन की नौसेना ने सात दिनों की कोशिशों के बाद इसे छुड़ाया।