उत्तर प्रदेशलखनऊ
1090 ने किया लड़कियों के नजरिए में बदलाव, दूर हुई झिझक
भारतीय राजस्व सेवाओं के 30 से अधिक अधिकारियों ने बुधवार को 1090 पावर लाइन विजिट की। इस मौके पर पावर लाइन की कार्यप्रणाली के साथ-साथ इन अधिकारियों को यहां सवा चार साल में महिलाओं और लड़कियों द्वारा पुरुषों व लड़कों द्वारा परेशान करने पर दर्ज कराई गई 6,15,606 शिकायतों और उनसे जुड़े तथ्य शेयर किए गए। आईजी नवनीत सिकेरा ने बताया कि इन मामलों में से सिर्फ 602 मामलों में आरोपियों को जेल कराई गई है। यह कुछ शिकायतों में 0.098 प्रतिशत है।
विजिट में सभी आईआरएस अधिकारी 2006, 2007 और 2008 बैच के हैं और लखनऊ आईआईएम में तीन महीने की मिड टर्म ट्रेनिंग कर रहे हैं। साथ आए आईआईएम के प्रो. सब्यसाची ने बताया कि पावर लाइन विजिट के जरिये प्रदेश में हो रहे एक अनूठे काम से रूबरू कराने का लक्ष्य था। दर्ज मामलों में से 98.3 प्रतिशत का समाधान हो चुका है। वहीं, कुल 5,98,129 मामलों में लड़कियों व महिलाओं को परेशान करने वाले यूपी पुलिस द्वारा एक फोन करने के बाद इन शिकायतों का समाधान हो गया।
वहीं 6,105 मामलों में जब आरोपी नहीं माने तो उनके फोन कॉल डिटेल्स निकालकर उनके माता-पिता, बहनों आदि से संपर्क किया गया। आरोपियों को उनके परिजनों के साथ बैठाया गया, अधिकतर मामलों में परेशान की जा रही लड़कियां भी मौजूद रहीं और आरोपियों से माफीनामे लिखवाए गए। साथ ही चेतावनी दी गई कि फिर ऐसा हुआ तो एफआईआर दर्ज की जाएगी।
ऐसे मामलों में फिर शिकायतें नहीं आईं। वहीं, जिन 602 मामलों में परेशान करने वाले नहीं माने, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई। आईजी सिकेरा ने बताया कि इनमें से 70 प्रतिशत की उम्र 40 साल से अधिक थी। कुछ ही मामले 30 साल से कम उम्र के युवाओं के थे, जिनके खिलाफ एफआईआर हुई, उन्हें कम से कम तीन-तीन महीने जेल में काटने पड़े।
1090 पावर लाइन पर अमेरिका की टेक्सास ए एंड एम यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अनुपम अग्रवाल इन दिनों अध्ययन कर रहे हैं। वे पावर लाइन में मौजूद थे। उन्हाेंने अपने अध्ययन के आधार पर बताया कि 1090 की वजह से यूपी की महिलाओं और लड़कियों के नजरिए में बदलाव है, आत्मविश्वास बढ़ा है। शुरुआती वर्र्षों में जो शिकायतें आईं, उनमें छेड़छाड़ छह महीने से दो साल तक हो रही थी। अब जो शिकायतें दर्ज करवाई जा रही हैं, उनमें लड़कियां सुबह हुई घटना की जानकारी दोपहर तक 1090 में दर्ज करवा देती हैं।
यह पुलिस सिस्टम में विश्वास वापसी का संकेत हैं। वहीं पहले जहां शहरी क्षेत्रों से फोन आ रहे थे, अब ग्रामीण क्षेत्रों से भी काफी कॉल आ रही हैं। लड़कियों की झिझक खत्म हुई है।लखनऊ में ही पले-बढ़े अनुपम आईआईटी कानपुर से इंजीनियर और फ्रांस से प्रबंधन की शिक्षा पा चुके हैं। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में इस तरह की हेल्प लाइनें संचालित हो रही हैं, लेकिन यूपी में जैसा सामाजिक बदलाव नजर आ रहा है, वह बहुत बड़ा और उदाहरण बनने वाला है।
उन्हाेंने बताया कि बाहरी पर्यवेक्षक के रूप में वे 1090 को मजबूत होते देखना चाहेंगे, लेकिन अब तक के अनुभव में यह महसूस किया है कि सरकार की ओर से इसे वैसी स्वीकार्यता नहीं मिल पाई है, जैसी सरकारी योजनाओं को मिलती है। उन्हाेंने कहा कि पुलिस विभाग की वजह से 1090 सफलता से चल पा रहा है और सरकार को इसकी ओर कुछ और उदारता दिखानी होगी, खासतौर से अगर इसे देश भर में लागू करना है। दूसरी चेतावनी उन्होंने 1090 पावर लाइन के दुरुपयोग पर जताई और कहा कि इससे बचने के लिए इसके संचालकों को सावधानी से एक मैकेनिज्म तैयार करना होगा।